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Opposition INDIA Alliance: गाठें गठबंधन की कसेगा कौन, पतवार तो अभी मिला ही नहीं !

Opposition: भारत के 21 करोड़ गरीब लोग अब बेहतर जीवन बसर कर पाएंगे। राष्ट्र के 28 राजनैतिक दलों के (भाजपा-विरोधी) 63 नेताओं ने संकल्प लिया है कि आगामी 18वीं लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को उखाड़ फेकेंगे।

K Vikram Rao
Published on: 3 Sept 2023 8:32 AM IST
Opposition INDIA Alliance: गाठें गठबंधन की कसेगा कौन, पतवार तो अभी मिला ही नहीं !
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Opposition INDIA Alliance (Photo- Social Media)

Opposition: भारत के 21 करोड़ गरीब लोग अब बेहतर जीवन बसर कर पाएंगे। राष्ट्र के 28 राजनैतिक दलों के (भाजपा-विरोधी) 63 नेताओं ने संकल्प लिया है कि आगामी 18वीं लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को उखाड़ फेकेंगे। गरीबों का शोषण खत्म कर देंगे। इन नेताओं में सोनिया गांधी, लालू यादव, शरद पवार, ममता बनर्जी आदि शामिल हैं। उनका गठबंधन (इंडिया, भाजपायी मुहावरा घमंडिया) का वादा है कि देश को विश्वसनीय विकल्प दिया जाएगा। इन विपक्षी दलों ने 2024 के चुनाव में लंबी छलांग की तैयारी की है। अभी लोकसभा की 542 सीटों में इन दलों के पास 146 हैं। राहुल गांधी उसे 60 प्रतिशत जनसमर्थन का मानते हैं। किस गणित से ?

गठबंधन और गांधी

गरीबों, वंचितों, शोषितों, दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछडों के कल्याण के लिए गहन विचार इन जननायकों ने किया। सागर तटीय पांच सितारा होटल ग्रैंड हयात (पश्चिमी मुंबई) में कल (1 सितंबर 2023) को बैठक हुई।

यहां एक बोतल पानी के दाम पचास रुपए से ज्यादा है। साधारण खाना दो हजार रुपए के ऊपर है। इन जननायकों का संकल्प सही हुआ तो भारत के आमजन को रोज यही खाना मिलेगा जो वे अभी खा रहें हैं। यह उनका वादा है, इरादा भी। आखिर वे सब जनवादी जो ठहरे।

अगर असली गांधी आज जीवित होते तो ढाबे पर वैष्णव भोजनालय में डिनर करते। बापू दिल्ली में सदैव भंगी कॉलोनी में रहे। उनके उपनाम घांडी (फर्जी गांधी) मां-बेटे ऐसी सादगी थोड़े बरतेंगे ? इस पार्टी के अध्यक्ष और कर्नाटक के दलित मापन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे तो दो दो पदों पर डटे हैं। पार्टी मुखिया हैं, राज्यसभा में नेता विपक्ष भी। अगली लोकसभा में कांग्रेस के खास पालनहार खड़गे ने पिछला संसदीय चुनाव गुलबर्ग से 2019 में लड़ा था। भाजपा के डॉ. उमेश जाधव ने उन्हें करीब एक लाख वोटो से हराया था।

गठबंधन का भारत को वादा

इस गठबंधन का भारत को वादा है कि भ्रष्ट एनडीए सरकार को हराकर वे एक कुशल, स्वच्छ और जनाधारयुक्त सरकार देंगे। इसके नेताओं के बारे में शासकीय दस्तावेजों और सीबीआई जांच रपट के आधार पर प्राप्त सूचनाओं पर गौर कर लें। मुंबई सम्मेलन के मेजबान थे-उद्धव बालासाहेब ठाकरे। यह मुख्यमंत्री थे। उद्धव के खिलाफ भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया का आरोप है कि रायगढ़ के अलीबाग तहसील स्थित कोरलाई गांव में उद्धव की पत्नी रश्मि के नाम पर 19 बंगले हैं, जबकि चुनाव में दिए हलफनामे में उद्धव ने कहा था कि उनके पास दो बंगले हैं। सोमैया ने रेवदंडा पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मुंबई बैठक में खास भूमिका रही एमके स्टालिन की। वे तमिलनाडु के द्रमुक के मुख्यमंत्री हैं। उनके स्वर्गीय पिता एम. करुणानिधि पर तो गबन के कई मुकदमे चले थे। किरीट सोमैया के अनुसार “स्टालिन परिवार ने एक साल में 30 हजार करोड़ रुपये कमाए।” चर्चित चारा घोटाला के सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर “लैंड फार जाब स्कैम” का आरोप है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाला दर्ज है। आप दल के राघव चढ्ढा पर दिल्ली में शराब घोटाला तथा अभिषेक बनर्जी पर शिक्षक भर्ती घोटाला जैसे जघन्य आरोप हैं।

सीबीआई ने (16 अगस्त) को कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल से महिला के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में बयान दर्ज किया। पुलिस आयुक्त को 19 जुलाई 2013 को लिखे एक पत्र में महिला ने यौन दुराचार और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वेणुगोपाल सनसनीखेज सौर घोटाले की मुख्य आरोपी हैं। वेणुगोपाल से पूछताछ पिछले सप्ताह हुई थी। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार केरल पुलिस ने वेणुगोपाल समेत छह नेताओं के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी। अधिकारियों ने बताया सीबीआई ने पिछले साल राज्य की मार्क्सवादी सरकार की सिफारिश पर इन मामलों को अपने हाथ में लिया था।

उद्धव ठाकरे की घोषणा

सम्मेलन में उद्धव ठाकरे ने घोषणा की : “हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं, इंडिया के प्रतिद्वंद्वी चिंतित हो रहे हैं। हम 'मित्र-परिवारवाद' को नहीं चलने देंगे।” पर मंच पर जो नेता दिखे उनमें उद्धव ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ थे। फारूख अब्दुल्ला अपने लग्ते जिगर उमर के साथ थे।

लालू यादव और तेजस्वी थे। सदा दर्शनीय सोनिया और राहुल तो थे ही।

शरद पवार और पुत्री सुप्रिया सुले दिखीं। कुमारी ममता बनर्जी और सगा भतीजा अभिषेक साथ थे। स्व. करुणानिधि के पुत्र स्टालिन ने अपनी सौतेली बहन सांसद कनिमोझी को मुंबई में आने नहीं दिया। कनिमोझी भ्रष्टाचार के आरोप में कुछ वक्त तिहाड़ जेल में गुजार चुकी हैं। शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन अभी जांच पर चल रहे हैं।

विरोधाभास भी उभरा। सोनिया की इच्छा के विपरीत स्टालिन ने घोषणा कर दी कि गठबंधन का कोई एक चेहरा नहीं पेश होगा। केवल सांझा कार्यक्रम ही रखा जाएगा। सभा के संयोजक थे शिवसेना (ठाकरे) के संजय राउत जो अपने ऐतिहासिक बयान के लिए मशहूर हैं। उन्होंने शिवसेना दैनिक “सामना” में लिखा था : “भारतीय मुसलमानों को मताधिकार से वंचित कर दिया जाए।” अब ऐसा बयान पढ़कर कितने मुसलमान इन गठबंधन के समर्थक होंगे ? बिहार के जनता दल (यू) के अध्यक्ष लल्लन सिंह ने जातिगत जनगणना की मांग रखी थी। ममता बनर्जी ने तुरंत विरोध कर दिया। बात वहीं रह गई। नाराज ममता बनर्जी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी गायब रहीं।

अंजाम क्या होगा ?

काफी नाराजगी व्यक्त की कांग्रेसियों ने जब सांसद वकील कपिल सिब्बल अचानक सभा में प्रगट हो गये। वे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के समर्थन से यूपी से राज्यसभा में चुने गए थे। सोनिया गांधी के वे कोप भाजन रहे। सिब्बल शिवसेना (उद्धव) के वकील भी हैं। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कपिल सिब्बल को आमंत्रित करने की आलोचना की थी। यह घटना आगाज है। अंजाम क्या होगा ? यह तो नई दिल्ली में प्रस्तावित अगली बैठक में दिखेगा।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)



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K Vikram Rao

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