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लोकसभा चुनाव: MP में BJP के लिए अपनी सभी 27 सीटों को बचाना होगा चुनौती

लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा के लिए मध्य प्रदेश में अपनी सभी 27 सीटों को बचाना बड़ी चुनौती होगा। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में 29 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस को केवल दो सीटें गुना एवं छिन्दवाड़ा ही मिली थी।

Dharmendra kumar
Published on: 14 April 2019 3:30 PM GMT
लोकसभा चुनाव: MP में BJP के लिए अपनी सभी 27 सीटों को बचाना होगा चुनौती
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भोपाल: लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा के लिए मध्य प्रदेश में अपनी सभी 27 सीटों को बचाना बड़ी चुनौती होगा। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में 29 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस को केवल दो सीटें गुना एवं छिन्दवाड़ा ही मिली थी। लेकिन भाजपा के लिए इस बार राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि नवंबर 2018 में प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता पर 15 साल से काबिज भाजपा को पटकनी देकर सरकार बनाई थी।

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की वेबसाइट के आंकड़े बताते हैं कि इस चुनाव में 12 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को भाजपा प्रत्याशियों से अधिक मत मिले थे। जिन 12 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बढ़त बनाई थी, उनमें मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, मण्डला, छिन्दवाड़ा, राजगढ़, देवास, रतलाम, धार, खरगोन, खंडवा एवं बैतूल शामिल हैं।

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इस बारे में पूछे गये सवाल पर मध्य प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव में नेतृत्व, मुद्दे, परिस्थितयां एवं स्थानीय समीकरण अलग-अलग होते हैं। लोकसभा चुनाव में जनता में नरेन्द्र मोदीजी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने का उत्साह ज्यादा है। इसलिए भाजपा इस चुनाव में मध्य प्रदेश से 27 सीटों से भी आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है।’’

इसके अलावा, गुना लोकसभा सीट भी सिंधिया राजघराने का गढ़ रही है और इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2002 से चार बार लगातार जीतकर प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। हालांकि, इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के ऊपर बढ़त बनाई थी। लेकिन कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा के लिए सेंध मारना आसान नहीं होगा।

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वहीं, पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिन 17 लोकसभा सीटों में ज्यादा मत पाये थे, उनमें गुना के अलावा, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, होशंगाबाद, विदिशा, भोपाल, उज्जैन, मन्दसौर एवं इन्दौर शामिल हैं।

लंबे समय से मध्य प्रदेश में कांग्रेस एवं भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला होता आ रहा है और इस बार भी इन दोनों दलों के बीच ही कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटें मिली थी और भाजपा को 109 सीटें। कांग्रेस ने समाजवादी पाटी, बहुजन समाज पार्टी एवं निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है।

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पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के किसानों को दो लाख रूपये तक का फसल कर्जा माफ करने का वादा किया था, जिसे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ ने सबसे पहले अमलीजामा पहनाया था । और अब तक करीब 25 लाख किसानों का कर्जा माफ भी कर दिया गया है, जो कांग्रेस के लिए इस लोकसभा चुनाव में संजीवनी का काम कर सकता है।

वहीं, भाजपा मोदी की बेदाग छवि एवं उनकी सरकार द्वारा किये गये कार्यों को लेकर चुनावी मैदान में है और पार्टी को उम्मीद है कि इस बार भी वह प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करेगी।

भाषा

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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