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करोड़पति मांग रहा भीख: आलीशान बंगला फिर भी दर दर की खा रहा ठोकरे, जानें क्यों
इंदौर जिले में एक ऐसा भिखारी मिला, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह गया। मंदिर में भीख मांगने वाला शख्स, असल जिंदगी में करोड़ो का मालिक है।
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में भिखारी मुक्त अभियान के दौरान एक ऐसा भिखारी मिला, जिसके बारे में जान एनजीओ समेत हर कोई हैरान रह गया। मंदिर में भीख मांगने वाला और दर दर भटने वाला वो शख्स, असल जिंदगी में करोड़ो का मालिक है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि एक करोड़पति भिखारी जैसा जीवन क्यों गुजार रहा है।
मंदिर के बाहर मिला करोड़पति भिखारी
दरअसल, इंदौर में शहर में निराश्रितों और भिक्षुको के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। जिले के अलग अलग इलाकों में भिखारियों को तलाश कर एनजीओ से जुड़े लोग उन्हें पुनर्वास केंद्र शिफ्ट कर रहे हैं। उनके खाने पीने की व्यवस्था के साथ चिकित्सीय मदद की गयी। इस दौरान रेस्क्यू टीम ने मिले भिखारियों की पहचान के साथ उनके घर परिवार की तलाश का भी प्रयास किया, ताकि इन निराश्रितों की स्थिति में सुधार लाया जा सके।
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इंदौर में भिखारी मुक्त अभियान में चला पता
इस मुहीम के दौरान एनजीओ को रमेश नाम के बुजुर्ग भिखारी के बारे में पता चला। रमेश का किला मैदान इलाके में कालका माता मंदिर के पास से रेस्क्यू किया गया और पुनर्वास केंद्र शिफ्ट किया। लेकिन जब उसके बारे में और घर परिवार के बारे में जानकारी जुटाई तो हर कोई दंग रह गया।
शराब की लत के कारण भटक रहा सड़को पर
रमेश ने अपने परिवार का पता बताया, इस पर एनजीओ के सदस्य उसके घर पहुंचे तो पता चला कि वह खुद ही एक करोड़पति है। रमेश का एक आलिशान बंगला है, जिसमे सभी सज्जो सजा का सामान और सुख सुविधा है। वहीं उसका एक प्लाट भी है। ऐसे में रमेश की दयनीय स्थिति के बारे में जानने को लेकर एनजीओ टीम उत्सुक हो गयी।
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करोड़पति भिखारी के पास बंगला
उसके परिवार से सम्पर्क किया तो पता चला कि रमेश की शादी नहीं हुई है। वह अपने भाई भतीजे के साथ रहता था लेकिन शराब की लत के कारण उनसे अलग हो गया। परिवार वालों ने रमेश को काफी समझाने की कोशिश की, हालाँकि रमेश नहीं सुधरा जिसके बाद उसके परिवार ने रमेश से किनारा कर लिया। तब से रमेश सड़कों पर दर दर की ठोकरे खाने और मंदिर के बाहर भीख मांगने लगा।
परिवार वाले साथ रहने को तैयार नहीं
रमेश के परिवार ने उसकी पहचान कर ली है लेकिन साथ रहने को तैयार नहीं। हालाँकि एनजीओ ने रमेश के परिवार को समझाया है कि अगर वह शराब छोट देता है तो उसे साथ रखें। इस बाबत अब एनजीओ रमेश को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करने का काम करेगी।