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BBC Documentry On PM Modi: बीबीसी के विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव पास
BBC Documentry On PM Modi: 2002 गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के खिलाफ एक और राज्य ने प्रस्ताव पारित किया है।
BBC Documentry On PM Modi: 2002 गुजरात दंगों (2002 Gujarat riots) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के खिलाफ एक और राज्य ने प्रस्ताव पारित किया है। शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव में नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने को लेकर डॉक्यूमेंट्री की निंदा की गई है। महाराष्ट्र में शिंदे वाली शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन सरकार है।
बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने वाला महाराष्ट्र देश का तीसरा राज्य बन गया है। इससे पहले गुजरात और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारें अपने-अपने विधानसभाओं से ऐसे प्रस्ताव पास करवा चुकी हैं। सबसे पहले 10 मार्च को गुजरात विधानसभा में डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था।
बीजेपी विधायक विपुल पटेल द्वारा विधानसभा में पेश प्रस्ताव में कहा गया कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में 2002 के घटनाओं के बारे में गलत तरीके से चीजें दिखाई गई हैं। यह वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करने की एक निम्न स्तरीय कोशिश है। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से बीबीसी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई थी।
एमपी विधानसभा में लाया गया था निंदा प्रस्ताव
इसके चंद दिनों बाद पड़ोसी बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के विधानसभा में भी बीबीसी के इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। इसे बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा पेश किया गया था। इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री भारत की संप्रभुता पर गैर-जिम्मदार हमला है। इसका मकसद भारत को बदनाम करना है। इसलिए बीबीसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर जमकर हुआ था विवाद
बीबीसी ने गुजरात दंगों के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन बनाई है, जो कि दो हिस्सों में है। फरवरी में इसके रिलीज होते ही भारत में बवाल हो गया। इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को प्रसारित हुआ था। भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए देश में इसके स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। सरकार ने इसे विदेशी प्रोपेगेंडा करार दिया।
भारत के अलावा ब्रिटेन के सत्ताधारी दल के कई नेताओं ने भी डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने को लेकर बीबीसी की तीखी आलोचना की थी। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी पीएम मोदी का समर्थन किया था। लेकिन भारत में इसपर जमकर बवाल हुआ। दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हिंसा की घटनाएं भी हुईं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है।