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Maharashtra: महाराष्ट्र में नए मंत्रियों को विभाग बांटने का काम अटका,अहम मंत्रालयों को लेकर घमासान से सीएम शिंदे उलझे

Maharashtra Politics: एनसीपी में बगावत के बाद डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और उनके साथ मंत्री बनने वाले आठ अन्य विधायकों को अभी तक विभाग नहीं बांटे जा सके हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 12 July 2023 11:49 AM IST
Maharashtra: महाराष्ट्र में नए मंत्रियों को विभाग बांटने का काम अटका,अहम मंत्रालयों को लेकर घमासान से सीएम शिंदे उलझे
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cabinet expansion (photo: social media)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पिछले दिनों शपथ लेने वाले नए मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का मामला अभी तक उलझा हुआ है। राज्य में अच्छे विभाग पाने के लिए घमासान मचा हुआ है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अभी तक इस विवाद का निपटारा नहीं कर सकते हैं। सोमवार की रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ आधी रात के बाद तक बैठक की थी मगर इस बाबत आखिरी फैसला नहीं लिया जा सका।

दरअसल एनसीपी में बगावत के बाद डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और उनके साथ मंत्री बनने वाले आठ अन्य विधायकों को अभी तक विभाग नहीं बांटे जा सके हैं। इसे लेकर नाराजगी भी दिख रही है। अजित पवार और उनके मंत्रियों की निगाहें अहम विभागों पर टिकी हुई हैं और इसी कारण अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं किया जा सका है। इसके साथ ही नए मंत्रियों को शपथ दिलाने का काम भी अटका हुआ है जिसे लेकर शिंदे गुट और भाजपा के कई विधायकों में नाराजगी दिख रही है। मुख्यमंत्री शिंदे ने जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करने की बात कही है।

मुख्यमंत्री पर कैबिनेट विस्तार का दबाव

महाराष्ट्र में विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले कैबिनेट विस्तार की संभावना जताई जा रही है। शिंदे गुट और भाजपा के कई विधायक मंत्री पद पाने के लिए मुख्यमंत्री पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। इन विधायकों का कहना है कि इस बाबत जल्द से जल्द कदम उठाया जाना चाहिए ताकि विधायक अपने मंत्रालयों के कामकाज को समझने के साथ ही सवालों का जवाब देने की तैयारी कर सकें। दूसरी और नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की बात तो दूर, मुख्यमंत्री शिंदे अभी तक पवार और उनके साथ शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों को विभाग तक नहीं बांट सके हैं।

मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों का कहना है कि विभागों का बंटवारा न हो पाने के कारण अभी तक कैबिनेट विस्तार का मामला भी उलझा हुआ है। मुख्यमंत्री शिंदे की परेशानी यह है कि मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों की संख्या उपलब्ध मंत्रालय से ज्यादा है। मुख्यमंत्री शिंदे लगातार विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि वे अभी तक कैबिनेट विस्तार और नए मंत्रियों को विभाग बांटने का काम नहीं कर सके हैं।

अहम मंत्रालय लेने पर अड़े अजित पवार

जानकार सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम अजित पवार के अड़ियल रवैए ने शिंदे की मुसीबत बढ़ा रखी है। पवार अपने लिए अहम मंत्रालय चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने साथ शपथ लेने वाले एनसीपी के अन्य विधायकों के लिए भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग रखी है। उद्धव ठाकरे की सरकार में पवार के पास वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी थी और अब शिंदे सरकार में भी उन्होंने गृह, वित्त या शहरी विकास मंत्रालय देने की मांग रखी है। फडणवीस यह नहीं चाहते कि पवार को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाए जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें शहरी विकास मंत्रालय नहीं देना चाहते। पवार को ऊर्जा और राजस्व मंत्रालय दिए जाने की चर्चाएं भी सुनी जा रही है। इसके साथ ही पवार ने मुख्यमंत्री के सामने यह मांग भी रखी है कि उनके साथ शपथ लेने वाले एनसीपी के बागी विधायकों को ग्रामीण विकास, शिक्षा, पर्यटन, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास और आबकारी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इन सभी विभागों को मलाईदार माना जाता है और यही कारण है कि पवार ने इन विभागों पर अपनी निगाहें गड़ा रखी हैं।

जल्द कैबिनेट विस्तार का ऐलान

जानकार सूत्रों का कहना है कि विभाग बंटवारे के साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे कैबिनेट विस्तार पर भी लगातार चर्चा करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने इस संबंध में डिप्टी सीएम फडणवीस के साथ लंबी चर्चा की है। इसके साथ ही वे अपनी पार्टी के विधायकों से भी मुलाकात कर चुके हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कैबिनेट का विस्तार जल्द ही किया जा सकता है क्योंकि इसे लेकर शिंदे गुट और भाजपा के विधायकों में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री शिंदे का भी कहना है कि वे जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं।

महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 43 ही हो सकती है। इसलिए शिंदे के लिए सभी विधायकों को संतुष्ट करना काफी मुश्किल माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक भाजपा, शिंदे गुट और पवार गुट के पांच-पांच विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।

नाराज विधायकों के पाला बदलने का खतरा

भाजपा के नेता का कहना है कि महाराष्ट्र में राज्य मंत्री बनाए जाने की संभावनाएं काफी कम दिख रही हैं। इसलिए जिस नेता को भी मंत्री बनने का मौका मिलेगा, उनमें से अधिकांश कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ही लेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिंदे कैबिनेट विस्तार से राज्य में जातीय समीकरण साधने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के दौरान जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा जाएगा ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट के कुछ नाराज विधायकों ने उद्धव ठाकरे से भी संपर्क साध रखा है। यदि उन्हें मंत्री बनने का मौका नहीं मिला तो फिर वे उद्धव ठाकरे से हाथ मिला सकते हैं। उधव ठाकरे गुट शिंदे से बदला लेने के लिए बेताब है। इसलिए माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से भी ऐसे विधायकों पर डोरे डाले जा रहे हैं। जल्द ही इसका नतीजा भी सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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