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महाराष्ट्र पर है इतने लाख करोड़ का कर्ज, अब उद्धव ठाकरे के सामने है ये बड़ी चुनौती
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक की। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का ऐलान किया।
नई दिल्ली: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक कीष। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का ऐलान किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये सरकार आम जनता के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद बना रहना चाहिए।
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार सत्य और न्याय की सारी कसौटियों पर खरी उतरकर स्थिर रहेगी। इसके अलावा बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल में राज्य पर पांच लाख करोड़ का कर्ज लादकर फडणवीस सरकार चली गई। इसलिए नए मुख्यमंत्री ने जो संकल्प लिया है, उस पर तेजी से और सावधानीपूर्वक काम किया जाएगा।
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जून में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में तब के वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया था। इस बजट में जानकारी दी गई थी कि महाराष्ट्र पर कर्ज का बोझ 4.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है।
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तो वहीं 2018-19 में महाराष्ट्र सरकार की देनदारियां 4.14 लाख करोड़ रुपये थी, जो लगातार बढ़ रही है। बता दें कि सरकार ने कुल बजट 3 लाख 34, 933 करोड़ रुपये रखा था। अब उद्धव ठाकरे के सामने चुनौती है कि वादों को पूरा करने के लिए वह कहां से पैसे लाएंगे और प्रदेश को इस कर्ज से कैसे उबारेंगे।
शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसा है। उन्होंने फडणवीस के विपक्ष का अस्तित्व नहीं रह जाने वाले पुराने बयान को लेकर चुटकी ली है। राउत ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र में विरोधी पक्ष ही नहीं रहेगा, यह दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विरोधी दल नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई…!
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शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था मुंबई के भरोसे चल रही है। देश को सबसे ज्यादा रोजगार मुंबई जैसा शहर देता है और देश की सीमा की रक्षा तो महाराष्ट्र की परंपरा रही है। इसलिए अब महाराष्ट्र से अन्याय नहीं होगा और उसका सम्मान होगा।