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Maharashtra Politics: सीएम शिंदे के बेटे की सीट पर भाजपा की निगाहें, चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति को लेकर भी विवाद

Maharashtra Politics: सीएम शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे की लोकसभा सीट कल्याण पर भी भाजपा ने निगाहें गड़ा रखी हैं। इसके साथ ही छेड़खानी के मामले में भाजपा के एक पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 10 Jun 2023 8:40 AM IST
Maharashtra Politics: सीएम शिंदे के बेटे की सीट पर भाजपा की निगाहें, चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति को लेकर भी विवाद
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Maharashtra Politics (photo: social media )

Maharashtra Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में खींचतान शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भाजपा के बीच कई वजहों से दरार पैदा हो गई है। सीएम शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे की लोकसभा सीट कल्याण पर भी भाजपा ने निगाहें गड़ा रखी हैं। इसके साथ ही छेड़खानी के मामले में भाजपा के एक पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने इस एफआईआर के पीछे शिवसेना का हाथ बताया है।

इसके साथ ही भाजपा की ओर से राज्य के सभी 48 लोकसभा सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति किए जाने से भी शिवसेना नाराज बताई जा रही है। राज्य भाजपा के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की ओर से हाल में इन प्रभारियों के नामों का ऐलान किया गया था।

भाजपा नेता पर केस से बढ़ी नाराजगी

दरअसल हाल के दिनों में सीएम शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भाजपा के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। डोंबिवली में एक भाजपा नेता के खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज होने पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इसके पीछे शिवसेना नेताओं का हाथ बताया है।

बाद में राज्य के मंत्री रविंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई भाजपा नेताओं की बैठक में शिवसेना को खरी-खोटी सुनाते हुए अलग-थलग करने का फैसला किया गया। यह भी फैसला लिया गया कि कल्याण लोकसभा सीट पर भाजपा शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। सीएम शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने इसी लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव जीता था।

सीएम शिंदे के बेटे ने की इस्तीफे की पेशकश

सीएम शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस बैठक पर नाराजगी जताते हुए भाजपा के कुछ नेताओं पर शिवसेना-भाजपा गठबंधन को कमजोर बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश करते हुए भाजपा नेताओं पर स्वार्थ की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के संबंध में फैसला शिवसेना-भाजपा गठबंधन के वरिष्ठ नेता करेंगे। अगर मुझे टिकट नहीं मिला तो भी मैं गठबंधन उम्मीदवार का प्रचार करने से पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा कि हमारा काम गठबंधन को मजबूत बनाना है मगर फिर भी यदि मेरे काम से किसी को नाराजगी होती है तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।

श्रीकांत की सीट पर भाजपा की निगाहें

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान श्रीकांत शिंदे ने कल्याण लोकसभा सीट से चुनाव जीता था मगर इस बार भाजपा ने इस सीट पर निगाहें गड़ा रखी हैं। पार्टी नेताओं की ओर से इस सीट पर अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा नेताओं का तर्क है कि इस सीट से स्वर्गीय राम कापसे दो बार सांसद चुने गए थे। इसके साथ ही वे कई बार विधायक का चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे थे।

कल्याण लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें हैं और इनमें से तीन पर भाजपा ने चुनाव जीता था। सिर्फ एक सीट पर ही शिंदे गुट का विधायक है। अब आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा कल्याण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इसे लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच खींचतान शुरू हो गई है।

चुनाव प्रभारियों की घोषणा पर भी नाराजगी

भाजपा की ओर से पिछले दिनों राज्य की सभी 48 लोकसभा सीटों पर प्रभारियों के नाम के ऐलान को लेकर भी विवाद पैदा होता दिख रहा है। भाजपा के प्रदेश प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की ओर से गुरुवार को राज्य की सभी 48 लोकसभा सीटों और 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रभारियों के नामों की घोषणा की गई थी। नामों की घोषणा के साथ बावनकुले ने यह भी कहा था कि शिवसेना के साथ गठबंधन में सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा। उनका यह भी कहना था कि जिन सीटों पर शिवसेना के उम्मीदवार लड़ेंगे, वहां भाजपा चुनाव प्रमुख शिवसेना को जिताने की कोशिश करेंगे।

हालांकि भाजपा की ओर से चुनाव प्रभारियों के नामों की एकतरफा घोषणा से भी शिवसेना में नाराजगी दिख रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा और शिवसेना के वरिष्ठ नेता इस मामले में दखल देकर दोनों दलों के बीच पैदा हुए विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज नांदेड़ में एक रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचने वाले हैं। जानकारों के मुताबिक इस दौरान विवाद को सुलझाने पर चर्चा हो सकती है।



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Anshuman Tiwari

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