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Maharashtra: शरद पवार की भूमिका पर कांग्रेस को ही होने लगा संदेह, पूर्व CM ने दिया बड़ा बयान, भ्रम दूर करने की सलाह
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि शरद पवार के रुख को लेकर लोग भ्रमित हो रहे हैं।
Maharashtra Politics: एनसीपी के मुखिया शरद पवार की सियासी गतिविधियों को लेकर विपक्षी गठबंधन INDIA में ही सवाल उठने लगे हैं। एनसीपी में हुई बगावत के बाद शरद पवार हाल के दिनों में अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। इस प्रकरण को लेकर शरद पवार पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। अब मंगलवार को पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पवार की एक मंच पर मौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि शरद पवार के रुख को लेकर लोग भ्रमित हो रहे हैं। इसलिए उन्हें अपना रुख साफ करना चाहिए। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से भी इसी तरह का बयान जारी किया गया है। शरद पवार को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता रहा है और उन्होंने अभी तक इस बाबत कोई बयान नहीं जारी किया है।
अजित पवार के खिलाफ भी आक्रामक अंदाज नहीं
एनसीपी में पिछले महीने दो जुलाई को हुई बगावत के बाद शरद पवार की भूमिका कई सियासी दिग्गजों को भी समझ में नहीं आ रही है। इस बगावत के बाद शरद पवार की अजित पवार और उनके गुट के कई वरिष्ठ नेताओं से तीन दौर की मुलाकात हो चुकी है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि शरद पवार की अजित पवार गुट के नेताओं के साथ क्या बातचीत हुई है। शरद पवार ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है।
दूसरी ओर अजित पवार का गुट शरद पवार को अभी तक अपना आदर्श बताता रहा है। अजित पवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल समेत इस गुट से जुड़े हुए अन्य नेता शरद पवार के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं कर रहे हैं। इस बीच शरद पवार ने बेंगलुरु में हुई विपक्षी गठबंधन की बैठक में भी हिस्सा लिया था मगर अभी तक उन्होंने अजित पवार गुट को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। विधानसभा में भी शरद पवार का गुट आक्रामक अंदाज में नहीं दिखा है।
पीएम मोदी के साथ मौजूदगी पर उठे सवाल
इस बीच मंगलवार को पुणे में एक मंच पर पीएम मोदी और शरद पवार की मौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए पीएम मोदी मंगलवार को पुणे पहुंचे थे। इस दौरान वे मंच पर शरद पवार से काफी गर्मजोशी से मिले थे। मंच पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद थे।
हालांकि शरद पवार और अजित पवार का आमना-सामना नहीं हुआ। दोनों नेताओं के बीच किसी भी तरह की बातचीत भी नहीं हुई। इस समारोह से पहले ही शरद पवार की मंच पर मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इस समारोह में शरद पवार के शामिल होने के बाद उनकी राजनीतिक भूमिका को लेकर संदेह जताया जा रहा है।
शरद पवार से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग
महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी का शरद पवार गुट, कांग्रेस और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट एक ही गठबंधन में शामिल हैं मगर शरद पवार की भूमिका पर गठबंधन के सहयोगियों को ही संदेह होने लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि शरद पवार को लेकर लोगों के मन में लगातार भ्रम पैदा हो रहा है। इसलिए शरद पवार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
भ्रम दूर करने की पहल करें पवार
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लेना मेरी नजर में गलत नहीं है,लेकिन मौजूदा हालात बिल्कुल अलग है। भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के खिलाफ विरोधी दल एक मंच पर इकट्ठा हो रहे हैं। ऐसे माहौल में शरद पवार की पीएम मोदी के साथ मंच पर मौजूदगी निश्चित रूप से भ्रम पैदा करने वाली है। इस कार्यक्रम में शरद पवार का हिस्सा लेना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
चव्हाण ने कहा कि शरद पवार देश के अनुभवी नेताओं में शामिल हैं।इसलिए अपने बारे में पैदा हो रहे भ्रम को दूर करने के लिए उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से भी इसी तरह का बयान जारी किया गया है। हालांकि शरद पवार ने अभी तक पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। विपक्षी गठबंधन इंडिया की अगली बैठक मुंबई में ही होने वाली है मगर उससे पूर्व शरद पवार की भूमिका को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।