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Savarkar Controversy: सावरकर मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई, MVA में दरार, उद्धव गुट और कांग्रेस में खींचतान बढ़ी

Veer Savarkar Controversy: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का गुट इन टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस से खासा नाराज है और उसने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 28 March 2023 3:37 PM IST
Savarkar Controversy: सावरकर मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई, MVA में दरार, उद्धव गुट और कांग्रेस में खींचतान बढ़ी
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Uddhav Thackeray (photo: social media )

Veer Savarkar Controversy: स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से हाल में की गई टिप्पणियों से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का गुट इन टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस से खासा नाराज है और उसने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। राहुल गांधी के बयान के बाद महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में दरार पड़ गई है। ठाकरे ने पहले ही इस बात की चेतावनी दी थी की वीर सावरकर हमारे लिए भगवान की तरह है और हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ठाकरे की इस चेतावनी के बाद उद्धव गुट ने राहुल गांधी की सदस्यता छीनी जाने छीने जाने के मुद्दे पर बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक से भी किनारा कर लिया। इस बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे मगर उद्धव गुट के नेता बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। उद्धव गुट के इस रुख से साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) के लिए आने वाले दिनों में बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है।

उद्धव ठाकरे ने दी थी राहुल को चेतावनी

लोकसभा सचिवालय की ओर से अपनी संसद सदस्यता रद्द किए जाने के बाद बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा था कि मैं सावरकर नहीं, गांधी हूं और मैं किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगूंगा। अब उनकी इसी टिप्पणी को लेकर सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से राहुल के बयान पर तीखी आपत्ति जताई जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने भी अपने तेवर कड़े कर लिए हैं।

उद्धव ठाकरे ने पहले यह बयान दिया था कि कांग्रेस नेता को यह याद रखना चाहिए कि हमें वीर सावरकर का अपमान स्वीकार नहीं है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने राहुल गांधी को दरार पैदा करने वाली टिप्पणियों से परहेज करने की नसीहत भी दी थी। अब इसका सियासी असर दिखना भी शुरू हो गया है।

उद्धव गुट ने कांग्रेस को दिखाए तेवर

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे की ओर से सोमवार को अपने आवास पर विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में राहुल गांधी की सदस्यता छीने जाने के खिलाफ विपक्ष की रणनीति पर चर्चा की गई मगर इस बैठक में उद्धव गुट का कोई नेता हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचा।

उद्धव गुट के इस तेवर का सीधा कनेक्शन राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान से है। इस गुट के प्रमुख नेता संजय राउत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हम इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि राहुल गांधी ने वीर सावरकर के खिलाफ बयानबाजी की है। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमने इस बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला लिया था।

राउत ने बताया सावरकर का योगदान

संजय राउत ने कहा कि आने वाले दिनों में आने वाले दिनों में मैं राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करूंगा। मैं उन्हें यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि उन्हें वीर सावरकर पर कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का मुद्दा हमारे लिए आस्था का विषय है और हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसीलिए मैं राहुल गांधी से मुलाकात करके उन्हें वीर सावरकर संबंधी टिप्पणी से बचने की सलाह दूंगा।

उन्होंने कहा कि हम राहुल गांधी को यह बताना चाहते हैं कि देश की स्वाधीनता की लड़ाई में वीर सावरकर का कितना बड़ा योगदान था। सावरकर ने अंडमान निकोबार जेल में 14 साल बिताए थे क्योंकि अंग्रेजों की ओर से उन्हें काला पानी की सजा सुनाई गई थी। राउत ने कहा कि मेरी तरह जो भी लोग जेल गए हैं, उन्हें इस बात को बखूबी जानकारी है कि जेल में एक-एक दिन बिताना काफी मुश्किल होता है और सावरकर ने तो कालकोठरी में 14 साल का वक्त बिताया था।

उद्धव गुट को सता रहा है इस बात का डर

सियासी जानकारों का मानना है कि उद्धव गुट इस मुद्दे पर तनिक भी समझौता करने के मूड में नहीं दिख रहा है। दरअसल सावरकर का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत से गहराई से जुड़ा हुआ है। उद्धव ठाकरे को महसूस हो रहा है कि कांग्रेस नेता के इस बयान से उनकी चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। इसीलिए उद्धव गुट ने कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया।

जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में एक बड़ा वर्ग वीर सावरकर के साथ मजबूती से खड़ा है और ऐसे में कांग्रेस नेता के बयान से उद्धव ठाकरे गुट को सियासी नुकसान का डर सताने लगा है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में इस मुद्दे का बड़ा असर पड़ना तय माना जा रहा है।



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Anshuman Tiwari

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