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Maharashtra: अजित पवार के नए दांव पर भड़के शरद पवार और उद्धव गुट के विधायक, शिंदे कैंप को भी मिला बड़ा फायदा
Maharashtra Politics: अजित पवार ने बगावत में अपना साथ देने वाले विधायकों के साथ ही शिंदे गुट के विधायकों को अधिक विकास निधि का आवंटन शुरू कर दिया है।
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार लगातार एक से बढ़कर एक सियासी चाल चलने की कोशिश में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विभाग बंटवारे में अजित पवार को वित्त मंत्रालय की कमान सौंपी है और इस मंत्रालय की कमान संभालने के बाद अजित पवार ने एक बड़ा सियासी दांव चला है। एनसीपी में बगावत के दौरान अपना साथ देने वाले विधायकों को अजित पवार ने बड़ा फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया है।
अजित पवार ने बगावत में अपना साथ देने वाले विधायकों के साथ ही शिंदे गुट के विधायकों को अधिक विकास निधि का आवंटन शुरू कर दिया है। अजित पवार के इस कदम से शरद पवार और शिवसेना के उद्धव गुट के विधायक भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि विकास निधि के आवंटन में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि अजित पवार के इस कदम से शरद पवार गुट को और सियासी नुकसान हो सकता है।
साथ देने वाले विधायकों को मिल रहा फायदा
दरअसल महाराष्ट्र में विभिन्न दलों से जुड़े विधायक काफी दिनों से अधिक विकास निधि का आवंटन किए जाने की मांग करते रहे हैं। उनका कहना है कि विकास निधि कम होने के कारण वे अपने क्षेत्रों में विकास के कई काम नहीं करा पा रहे हैं। अजित पवार को विधायकों की शिकायत की जानकारी रही है और वित्त मंत्रालय का काम संभालने के बाद उन्होंने अपने करीबी विधायकों और शिंदे गुट के विधायकों को अधिक विकास निधि का फायदा पहुंचाया है। एनसीपी में बगावत के दौरान अपना साथ देने वाले विधायकों को खुश करने के लिए अजित पवार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
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डिप्टी सीएम के साथ राज्य के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले अजित पवार ने अनुपूरक मांग प्रावधान के तहत 1500 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इस राशि के जरिए एनसीपी और शिवसेना के बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न विकास परियोजनाओं को पूरा करने की तैयारी है।
जानकारों का कहना है कि एनसीपी और शिवसेना के बागी विधायकों के अलावा भाजपा विधायकों को भी इसका फायदा मिलेगा। इन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में 25 करोड़ या उससे अधिक के विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है। अजित पवार की ओर से विधायकों की यह मांग पूरी किए जाने के बाद उनमें काफी खुशी देखी जा रही है।
शरद पवार को लग सकता है और झटका
सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में अजित पवार के इस कदम का बड़ा असर दिख सकता है। जानकारों ने इसे अजित पवार की ओर से शरद पवार गुट के विधायकों पर डोरे डालने की कोशिश बताया है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में शरद पवार गुट के कुछ और विधायक अजित पवार खेमे में शामिल हो सकते हैं। मौजूदा समय में एनसीपी के 53 में से 40 विधायक अजित पवार खेमे में बताए जा रहे हैं।
राज्य एनसीपी के प्रमुख और शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने कहा कि अनुपूरक अनुदान का यह आंकड़ा काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है और इसके जरिए विधायकों के सपने पूरे करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि विधायकों की मांग पर विकास परियोजनाओं को मंजूरी मिल रही है। वैसे अजित पवार के इस कदम से शरद पवार और उद्धव गुट से जुड़े हुए विधायक काफी नाराज बताए जा रहे हैं।
अजित की चालों से शरद पवार की मुश्किलें बढ़ीं
एनसीपी में बगावत से शरद पवार को बड़ा सियासी झटका लगा है और वे विधायकों पर अपनी मजबूत पकड़ साबित करने में कामयाब नहीं हो सके हैं। दूसरी ओर अजित पवार ऐसी सियासी चालें चलने में जुटे हुए हैं ताकि वे एनसीपी में अपना पूरा प्रभुत्व कायम कर सकें।
शरद पवार को विपक्षी एकजुटता का सूत्रधार माना जाता रहा है मगर मौजूदा समय में वे महाराष्ट्र में अपना खुद का सियासी वजूद बचाए रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अजित पवार की चालों से राज्य की सियासत में शरद पवार का आगे का सियासी सफर काफी मुश्किलों भरा माना जा रहा है। आने वाले दिनों में उन्हें और सियासी झटके लग सकते हैं।