बड़ी छापेमारी: CBI ने धोखाधड़ी मामले में 190 जगहों पर मारे छापे, मिले कई सबूत

सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पूरे देश में 190 स्थानों पर छापेमारी की है। सरकारी क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा बैंकों में हुई गड़बड़ी के मामले में 42 केस दर्ज करने के बाद ये कार्रवाई की गई है।

Vidushi Mishra
Published on: 6 Nov 2019 10:46 AM IST
बड़ी छापेमारी: CBI ने धोखाधड़ी मामले में 190 जगहों पर मारे छापे, मिले कई सबूत
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नई दिल्ली : सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पूरे देश में 190 स्थानों पर छापेमारी की है। सरकारी क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा बैंकों में हुई गड़बड़ी के मामले में 42 केस दर्ज करने के बाद ये कार्रवाई की गई है। सीबीआई के एक हजार अधिकारियों ने 16 राज्यों में छापेमारी कर इस मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाए।

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कल सुबह से शुरू हुई 15 सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई दिनभर चलती रही। सीबीआई टीम ने इस मामले से संबंधित कई लोगों से पूछताछ भी की। सीबीआई ने कहा कि ये इस साल की एजेंसी की सबसे बड़ी छापेमारी है। कम से कम चार मामले ऐसे हैं जिनमें एक हजार करोड़ से ज्यादा की राशि का हेरफेर किया गया है।

यहां मारे गए सबसे ज्यादा छापे

बता दें कि सबसे ज्यादा 58 ठिकानों पर महाराष्ट्र में छापेमारी हुई। इसके अलावा पंजाब में 32, तमिलनाडु और मप्र में 17-17, यूपी में 15, दिल्ली में 12, कर्नाटक में छह, आंध्र प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में 5-5, केरल, तेलंगाना, दादरा और नागर हवेली में 4-4, चंडीगढ़, उत्तराखंड और प. बंगाल में दो-दो जगहों पर छापेमारी की गई।

इनमें हुई धोखाधड़ी

धोखाधड़ी के मामले में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आंध्र बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक, देना बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया।

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ये थे धोखाधड़ी का जरिया

सीबीआई ने एडवांटेज ओवरसीज के श्रीकांत भासी, दिनेश अर्कोट सेल्वराज, मनीष सिंह, गगन शर्मा और जीजो जॉन के खिलाफ गलत दस्तावेजों के जरिये एसबीआई, भोपाल से छह हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा लेने का केस दर्ज किया है।

बता दें कंपनी 1266 करोड़ का घाटा होने से बकाया भुगतान नहीं कर सकी थी। वहीं, एनर्जो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट और इसके चेयरमैन सुजीत दास, एमडी डीवी सिंह और निदेशक जया सिंह के खिलाफ गलत दस्तावेजों से 1290 करोड़ का क्रेडिट लिमिट लेने के मामले में केस दर्ज किया गया है।

ऐसे ही चेन्नई की सुरणा इंडस्ट्रीज और इसके निदेशकों एसएल सुराणा, डीसी सुराणा, जीएल सुराणा, विजयराज सुराणा और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन पर आईडीबीआई की अगुवाई वाले 12 बैंकों के कंसोर्टियम को 1083 करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक इन लोगों ने क्रेडिट सुविधा का लाभ उठाकर फंड दूसरे खातों में ट्रांसफर किया।

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बिना किसी रिकॉर्ड के पैसे का हेरफेर

वाराणसी की जेबीएल एग्रो इंडस्ट्रीज और इसके चेयरमैन डीएन झुनझुनवाला, निदेशक एसएन झुनझुनवाला, आदर्श और अनुज झुनझुनवाला के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। इन पर आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी से 518-518 करोड़ की क्रेडिट लिमिट लेने के लिए स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी दी।

इसी तरह दिल्ली के करोल बाग के लाल संस ज्वैलर्स और इसके निदेशकों आरपी सिंह, एसपी वर्मा और पूनम वर्मा पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को 222.96 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक इन्होंने आपराधिक षड्यंत्र करके क्रेडिट सुविधा ली। कंपनी पर बिना किसी रिकॉर्ड के पैसे का हेरफेर करने का भी आरोप है।

इसके साथ ही श्रीनाथजी रोलर फ्लोर मिल व इसके निदेशकों अमरचंद गुप्ता, रामलाल गुप्ता, राजकुमार गुप्ता और शकुंतला देवी के खिलाफ आंध्र बैंक से लिए गए 149.76 करोड़ रुपये के कर्ज का गलत तरीके से इस्तेमाल करने के मामले केस दर्ज किया है।

और इसके अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एसईएल मैन्युफैक्चरिंग के 113.55 करोड़, देना बैंक में एस्के किंट के 42.16 करोड़ और केनरा बैंक में कृष्णा किंटवेयर टेक्नोलॉजी के 27 करोड़ की धोखाधड़ी का भी मामला सम्मिलित है।

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Vidushi Mishra

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