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रक्षा बंधन पर भी छाये जय श्री राम, जय बंगाल, मोदी-ममता आमने-सामने

रक्षाबंधन को लेकर पश्चिम बंगाल के बर्धवान में ममता और मोदी राखी की धूम है और इस राखी वॉर में भी लोग सिर्फ इन्हीं दोनों के नाम की राखी खरीदना पसंद कर रहे हैं । इतना ही नहीं राज्य की सीएम ममता बनर्जी के जय श्री राम के नारे पर भड़कने के बाद वहां राखी में भी यह लड़ाई नजर आ रही है ।

SK Gautam
Published on: 13 Aug 2019 8:36 PM IST
रक्षा बंधन पर भी छाये जय श्री राम, जय बंगाल, मोदी-ममता आमने-सामने
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लखनऊ: रक्षा बंधन का त्यौहार और उसमें भी पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक संघर्ष चरम पर है । अब इसका असर त्योहारों पर भी पड़ने लगा है । बाज़ार में राखियों पर मोदी, ममता और जय श्री राम का ही नाम और तस्वीरें दिखाई दे रही हैं।

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राखी पर भी मोदी और ममता आमने-सामने

रक्षाबंधन को लेकर पश्चिम बंगाल के बर्धवान में ममता और मोदी राखी की धूम है और इस राखी वॉर में भी लोग सिर्फ इन्हीं दोनों के नाम की राखी खरीदना पसंद कर रहे हैं । इतना ही नहीं राज्य की सीएम ममता बनर्जी के जय श्री राम के नारे पर भड़कने के बाद वहां राखी में भी यह लड़ाई नजर आ रही है । एक तरफ लोग जय श्री राम वाली राखी खरीद रहे हैं तो वहीं ममता की पार्टी के समर्थक जय बांग्ला वाली राखी को पसंद कर रहे हैं ।

तृणमूल के समर्थक ममता दीदी वाली राखी से लोगों को टीएमसी के पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं

दोनों ही पार्टियां रक्षाबंधन के इस मौके पर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश में लगी हुई हैं । बीजेपी के समर्थक जहां मोदी राखी के जरिए पीएम मोदी की छवि को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं । वहीं तृणमूल के समर्थक ममता दीदी वाली राखी से लोगों को टीएमसी के पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं ।

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मोदी राखी और ममता राखी की कीमत 10 रुपये से लेकर 45 रुपये तक है

अब बात अगर इन राखियों की कीमत की करें तो जहां साधारण राखियां बेहद कम दाम में बिक रही हैं । वहीं मोदी राखी और ममता राखी की कीमत 10 रुपये से लेकर 45 रुपये तक है । मोदी और ममता राखी की डिमांड को लेकर राखी बेचने वाले दुकानदार ने कहा कि बाजार में दोनों राखियों की अच्छी मांग है और लोग इसे खूब खरीद रहे हैं ।

रक्षाबंधन में राखी के नाम पर इस प्रतीकात्मक लड़ाई को लेकर बर्धवान पूर्व के बीजेपी जिला सभापति संदीप नंदी ने कहा, 'राजनीतिक पार्टियां जनसंयोग के काम में रक्षाबंधन को हथियार बनाती हैं और हमने भी ऐसा किया है । लेकिन इसमें कोई राजनीति नहीं है । ये भाई-बहन का त्योहार है ।



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