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Mani Shankar Aiyar: अटल नहीं, नरसिम्हा राव थे भाजपा के पहले PM, मणिशंकर अय्यर का बयान
Mani Shankar Aiyar:मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सांप्रदायिक सोच वाले व्यक्ति थे। सच्चाई तो यह है कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं बल्कि नरसिम्हा राव थे।
Mani Shankar Aiyar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने अपनी किताब मेमोअर्स ऑफ ए मैवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991) के विमोचन के मौके पर चर्चा के दौरान कई बड़ी बातें कहीं। अय्यर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सांप्रदायिक सोच वाले व्यक्ति थे। सच्चाई तो यह है कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं बल्कि नरसिम्हा राव थे।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में भी बड़ा बयान दिया। अय्यर ने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास करना गलत कदम था। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने यह जो सबसे बड़ी गलती की, वह भयानक थी। अय्यर इससे पहले भी उल्टे-सीधे बयान देकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं।
पाकिस्तान के साथ बातचीत की पैरवी
अय्यर की आत्मकथा अभी हाल में बाजार में आई है। अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर चर्चा के दौरान अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश से बातचीत करके संकट का समाधान किया जाना चाहिए।
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अय्यर ने कहा कि हमारे पास उनके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस होता है मगर हम उनके साथ बैठकर बातचीत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। अय्यर ने दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 तक कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में अपने कार्यकाल के संबंध में भी चर्चा की।
सांप्रदायिक सोच वाले थे नरसिम्हा राव
अय्यर ने अपनी रामरहीम यात्रा का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को लेकर बड़ी टिप्पणी की। अय्यर ने कहा के पूर्व प्रधानमंत्री राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा को लेकर आपत्ति नहीं है मगर वे धर्मनिरपेक्षता के संबंध में मेरी परिभाषा से पूरी तरह असहमत थे। मैंने उनसे सवाल पूछा कि धर्मनिरपेक्षता के मेरी परिभाषा में उन्हें क्या गलत लग रहा है। इस पर नरसिम्हा राव का जवाब था कि अय्यर, आपको यह नहीं समझ में आ रहा है कि यह एक हिंदू राष्ट्र है। उनके ऐसा कहने पर मैं कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी यही कहती है।
अय्यर ने कहा कि नरसिम्हा राव के इस बयान से मुझे इस बात का पूरी तरह एहसास हो गया कि नरसिम्हा राव हिंदूवादी और सांप्रदायिक सोच वाले व्यक्ति थे। सच्चाई तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं बल्कि नरसिम्हा राव ही थे।
राजीव गांधी की सबसे बड़ी भूल बताई
सवाल-जवाब सत्र के दौरान अय्यर से राम मंदिर मसले से निपटने में राजीव गांधी की आलोचना के बारे में पूछा गया। इस सवाल का जवाब देते हुए अय्यर ने कहा कि मुझे लगता है कि राम मंदिर का शिलान्यास गलत कदम था। मुझे लगता है कि राजीव गांधी ने जो सबसे बड़ी गलती की, वह भयानक थी। अय्यर ने जिस समय यह टिप्पणी की उस समय दर्शकों के बीच कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।
सोनिया गांधी की अय्यर ने की सराहना
अय्यर ने कहा कि मेरी समस्या यह थी कि मैं राजीव गांधी का कभी विश्वासपात्र नहीं बन सका। मुझे लगता है कि राजीव गांधी सोचते थे कि मैं राजनीतिक रूप से अनुभवहीन हूं। उन्होंने कभी राजनीतिक मुद्दे पर मेरी सलाह नहीं ली मगर मेरा मानना है कि वे सबसे ईमानदार, स्पष्टवादी और सिद्धांतवादी थे।
अय्यर ने राजीव गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में उतरने के लिए सोनिया की ओर से दिए गए समर्थन का जिक्र करते हुए उनकी सराहना भी की। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के जाने के बाद कई लोगों ने सोचा कि चलो, इस आदमी को खत्म कर देंगे मगर मुझे सोनिया गांधी का समर्थन मिला। सोनिया गांधी के समर्थन के कारण ही मैं बचा रहा। मुझे कैबिनेट मंत्री बनाने में सोनिया गांधी की ही प्रमुख भूमिका थी।