Manipur Horror Case: करगिल में देश को बचाया, पर पत्नी की इज्जत नहीं बचा सके, पीड़ित महिला के पति का झलका दर्द

Manipur Horror Case: मणिपुर में न्यूड परेड की पीड़ित महिला के पति ने अपने हिला देने वाली आपबीती बताई हैं। उनका कहना है कि मैंने करगिल में देश को बचाया, पर पत्नी की इज्जत को नहीं बचा सके।

Neel Mani Lal
Published on: 21 July 2023 12:35 PM GMT
Manipur Horror Case: करगिल में देश को बचाया, पर पत्नी की इज्जत नहीं बचा सके, पीड़ित महिला के पति का झलका दर्द
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Manipur Horror Case (Image- Social Media)

Manipur Horror Case: मणिपुर में महिलाओं को निवस्त्र घुमाने के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह सोचकर भी रूह कांप जाती है कि उन महिलाओं के परिवारों पर क्या बीत रही होगी। जिन महिलाओं को नग्न घुमाया गया उनमें से एक के पति कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ चुके हैं। उनका कलेजा फटा जाता है कि उन्होंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमान से नहीं बचा सके। उस व्यक्ति ने असम रेजिमेंट के सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा की थी।

एक न्यूज़ चैनल को उन्होंने बताया कि - मैंने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और मैं भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी रहा था। मैंने देश की रक्षा की, लेकिन मैं निराश हूं कि रिटायरमेंट के बाद मैं अपने घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका मैं दुखी, उदास हूं।

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

पीड़िता के पति ने यह भी दावा किया कि उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन पुलिस मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। 4 मई को जो कुछ हुआ, उसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, एक भीड़ ने इलाके के कई घरों को जला दिया, दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया और उन्हें लोगों के सामने गांव की पगडंडियों पर चलने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा, पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। मैं चाहता हूं कि उन सभी लोगों को कड़ी सजा मिले, जिन्होंने घर जलाए और महिलाओं का अपमान किया।

इस मामले में अब तक मणिपुर पुलिस चार गिरफ्तारियां कर चुकी है। मणिपुर पुलिस ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा है कि राज्य पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। छापेमारी जारी है।

राज्य में मई से जारी है हिंसा

इस साल मई से ही मणिपुर में हिंसा हो रही है। अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद से राज्य भर में जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं।

Neel Mani Lal

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