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Manipur Incident: मणिपुर त्रासदी: मिजोरम में मेईती लोगों को वापस जाने को कहा

Manipur Incident: मणिपुर में भीड़ा द्वारा दो स्त्रियों को निर्वस्त्र घुमाने के विडियो वायरल होने के बाद तनाव लगातार बढ़ रहा है। पड़ोसी राज्य मिजोरम में हजारों मेईती लोग मौजूद हैं जिनको राज्य से बाहर चले जाने को कहा गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 22 July 2023 6:36 PM IST
Manipur Incident: मणिपुर त्रासदी: मिजोरम में मेईती लोगों को वापस जाने को कहा
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मणिपुर त्रासदी: Photo- Social Media

Manipur Incident: मणिपुर में भीड़ा द्वारा दो स्त्रियों को निर्वस्त्र घुमाने के विडियो वायरल होने के बाद तनाव लगातार बढ़ रहा है। पड़ोसी राज्य मिजोरम में हजारों मेईती लोग मौजूद हैं जिनको राज्य से बाहर चले जाने को कहा गया है। मिजोरम के पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन ने मणिपुर के मेइतियों को "अपनी सुरक्षा" के लिए मिजोरम छोड़ने की ‘अपील’ की है। इसके बाद मिजोरम सरकार ने राज्य की राजधानी आइजोल में सुरक्षा बढ़ा दी है। जबकि मणिपुर सरकार ने कहा है कि वह मेईती लोगों को वापस मणिपुर लाने के लिए चार्टर्ड विमान भेजेगी।

पूर्ववर्ती मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के पूर्व कैडरों ने मिजोरम में रहने वाले मणिपुर के मैतेई समुदाय से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा के लिए राज्य छोड़ दें। यह अपील उस वीडियो के मद्देनजर आई है जिसमें मणिपुर में भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है। एक अनुमान के मुताबिक मणिपुर में हिंसा से विस्थापित 12,000 आदिवासी मिजोरम में शरण लिए हुए हैं।

क्या कहा है पूर्व उग्रवादियों ने

मिजोरम में पूर्व उग्रवादियों के संगठन ‘पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन’ (पीएएमआरए) ने एक बयान के जरिये से कहा कि मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा किए गए "बर्बर और जघन्य कृत्यों" के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, और मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों के लिए यह अब सुरक्षित नहीं है। बयान में कहा गया कि पीएएमआरए मिजोरम के सभी मेतेई लोगों से अपील करता है कि वे सुरक्षा उपाय के तौर पर अपने गृह राज्य चले जाएं।

इसमें कहा गया है कि मिज़ो युवाओं में तीव्र गुस्सा है, जो मणिपुर में ज़ो या कुकी जातीय लोगों के खिलाफ मेईती के बर्बर और नृशंस कृत्य से बहुत व्यथित हैं। एसोसिएशन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि मेइती लोग अपील की अनदेखी करते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए जाने में विफल रहते हैं तो किसी भी स्थिति में वे खुद जिम्मेदार होंगे।

इस बीच, एसोसिएशन के महासचिव सी लालथेनलोवा ने कहा कि यह केवल सुरक्षा के लिए एक सामान्य अपील थी, कोई आदेश या चेतावनी नहीं है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन मिजोरम में मैतेई समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अपील पूरे मेइती समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि केवल मणिपुर के लोगों के लिए है। मिजोरम में हजारों मेइती लोग रहते हैं, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर मणिपुर और असम के हैं।

इससे पहले ऑल मिजोरम मणिपुर एसोसिएशन (एएमएमए) ने मिजोरम में मेइती लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा, मिजोरम सरकार, चर्च और नागरिक समाज संगठनों को धन्यवाद दिया था।

पुलिस सतर्क

इस बीच मिजोरम के पुलिस उप महानिरीक्षक लल्लियानमाविया ने कहा है कि मणिपुर में दो आदिवासी कुकी-ज़ो के साथ बेरहमी से मारपीट के हालिया वायरल वीडियो के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश के कारण तनाव के संभावित विकास की आशंका में आइजोल में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

बता दें कि मिज़ो, कुकी, ज़ोमिस, हमार, चिन (म्यांमार) और चिन-कुकी (बांग्लादेश) दरअसल ‘ज़ो’ समुदाय से संबंधित हैं और वे समान वंश, संस्कृति और परंपरा साझा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक मणिपुर में हिंसा से विस्थापित 12,000 आदिवासी मिजोरम में शरण लिए हुए हैं।

Neel Mani Lal

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