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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, पिछली बार अदालत ने मांगी थी कार्रवाई की डिटेल्स
Manipur Violence: मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने और दरिंदगी के मामले में आज सोमवार (7 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सड़क से संसद तक संग्राम जारी है। इस बीच मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने और दरिंदगी के मामले में आज सोमवार (7 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इस पूरे मामले पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा की की बेंच सुनवाई कर रही है। बेंच उन दो आदिवासी महिलाओं द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिन्हे निर्वस्त्र करके घुमाया गया था और उनका यौन उत्पीड़न किया गया है। इसके अलावा मणिपुर हिंसा से जुड़ी हुई अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी।
महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस घटना का तो वीडियो सामने आया है, लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न हुई है, अन्य महिलाएं भी हैं। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र भी बनाना होगा। इस तंत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा और फिर कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी थी कार्रवाई पूरी जानकारी
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बता दें कि इससे पहले इस पूरे मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में अब तक की गई प्रशासनिक कार्रवाइयों की डिटेल मांगी थी। राज्य सरकार को पुलिस और जांच एजेंसियों को हिंसा से जुड़ी सभी छह हजार मुकदमों की जानकारी कोर्ट को सौंपनी होगी। कोर्ट ने कहा था कि हमें छह हजार मुकदमों को अलग-अलग जांचने की जरुरत है। अब तक कितनी एफआईआर दर्ज हुई हैं। कितने लोगों की गिरफ्तारी की गई है, कितने आरोपी न्यायिक हिरासत में है और कितने आरोपियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों को क्या कानूनी सहायता दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र करके उन्हें घुमाने का यह वीडियो चार मई को सामने आया था, ऐसे में मणिपुर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में 14 दिन का समय क्यों लगा और 18 मई को मामला दर्ज किया गया। कोर्ट ने कहा कि आखिर पुलिस 14 दिनों तक कर क्या रही थी।