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Manipur violence: मणिपुर मामले पर SC का आदेश- मणिपुर के DGP कोर्ट में पेश हों, पूछा पुलिसवालों पर क्या एक्शन हुआ?
Manipur violence: मणिपुर में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था। वह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। शीर्ष अदालत ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
Manipur Violence: मणिपुर में करीब तीन महीने से जारी हिंसा पर मंगलवार (01 अगस्त) को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने इस दौरान स्थानीय पुलिस पर सवाल खड़े किए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, 'एफआईआर दर्ज करने में काफी देर हुई है। उन्होंने आगे कहा, राज्य के हालात पूरी तरह बेकाबू हैं। वहां (मणिपुर) कानून का राज नहीं है।'
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने कहा है कि, 'हमने इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट (Manipur Status Report) तैयार की है, ये एक संवेदनशील मामला है। 3 मई के बाद अभी तक कुल 6,532 FIR दर्ज हुई हैं। जिनमें 11 एफआईआर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा तथा यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) को लेकर हैं। तुषार मेहता ने बताया, हिंसा के दौरान जो भी शव बरामद हुए हैं, उन सभी का पोस्टमार्टम किया गया है।'
सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कहा कि, 'हमने स्टेटस रिपोर्ट तैयार की है। ये तथ्यों पर आधारित है, भावनात्मक दलीलों पर नहीं। एसजी ने कहा, सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज कर तेज कार्रवाई करें। उन्होंने कहा, अब तक 250 गिरफ्तारियां हुई हैं। करीब 1200 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मणिपुर पुलिस ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े वीडियो मामले में एक नाबालिग सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।'
CJI ने पूछा- कब दर्ज हुई FIR?
दरअसल, कुछ दिनों पहले दो कुकी महिलाओं के साथ हुए रेप मामले में एसजी तुषार मेहता ने जानकारी दी है कि, अभी जांच जारी है। इस मामले में कुल 37 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है। जल्द एक्शन के लिए FIR को सीबीआई के पास ट्रांसफर किया गया है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने पूछा, 'इस मामले में एफआईआर कब दर्ज हुई थी?
'पुलिस ने भीड़ को सौंप दिया था'
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, 'महिला के बयान में कहा गया है कि उसे पुलिस ने भीड़ को सौंप दिया था। क्या पुलिस ने कोई गिरफ्तारी की है? क्या इतने महीनों में डीजीपी ने ये जानने की परवाह की? क्या उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की?
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि अब तक CBI को सौंपी गई दो FIR के अलावा भी 11 को राज्य सरकार सीबीआई को सौंपना चाहती है। अभी तक की पुलिस कार्रवाई धीमी और अपर्याप्त रही है। लेकिन, हम निर्देश देते हैं कि मणिपुर के डीजीपी शुक्रवार दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अदालत के सवालों का जवाब दें। सभी मामलों का वर्गीकरण कर अदालत में चार्ट जमा करवाया जाए।