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MiG-29K Fighter Jet : चुनौतीपूर्ण 'नाइट लैंडिंग' परीक्षण के बाद MiG-29K अब अंधेरे में भी दुश्मन पर करेगा घातक हमला...

MiG-29K Fighter Jet : इस प्रेरक प्रसंग में बताया गया है कि MiG-29K विमान ने 'नाइट लैंडिंग' परीक्षण के बाद अपनी शक्ति और क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अंधेरे में भी दुश्मन पर घातक हमला करने की क्षमता प्राप्त की है।

Jyotsna Singh
Published on: 30 May 2023 9:52 PM IST
MiG-29K Fighter Jet : चुनौतीपूर्ण नाइट लैंडिंग परीक्षण के बाद MiG-29K अब अंधेरे में भी दुश्मन पर करेगा घातक हमला...
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MiG-29K Fighter Jet (social media)

MiG-29K Fighter Jet : आत्मनिर्भरता, तरक्की और विकास की राह पर चलकर तेज़ी से भारत देश अंतर्राष्ट्रीय फलक पर अपनी एक बहुत ही मजबूत पहचान बनाने में कायम रहा है। यही वजह है कि अब भारत देश की सैन्य शक्ति भी पहले से कहीं ज्यादा शसक्त और सुदृढ़ होती जा रही है। भारतीय सेना अब समय समय पर अत्याधुनिक हथियारों के शामिल होने से लगातार अपनी ताकत को बढ़ाता जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय वायु सेना ने एक प्रयोग कर अपनी शक्ति में एक और नगीना जड़ दिया है। असल में भारतीय युद्ध पोत INS विक्रांत पर पहली बार रात में वायुसेना द्वारा MiG-29K की लैंडिंग कराने में सफलता दर्ज की गई।

भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत पर कराई गई फाइटर जेट की यह लैंडिंग वायु सेना के लिए एक बड़ी सफलता है। इस प्रयोग के बाद अब युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट रात में भी एयरक्राफ्ट करियर पर लैंडिंग कर पाएंगे। इससे रात के अंधेरे का फायदा उठाकर घात लगाकर आगे बढ़ते दुश्मन को टारगेट करना और उन पर नजर रखना अब काफी ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगा। रात में सफल लैंडिंग का मतलब ये भी होता है कि युद्ध के समय आप दुश्मन पर हमला करने के लिए अगले दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब 24/7 युद्ध जारी रख दुश्मन को अंधेरे में भी टारगेट करना आसान हो जाएगा।

क्या कहते हैं वायु सेना के अधिकारी

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, "आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 के की रात के समय पहली लैंडिंग करने से भारतीय नौसेना ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मिग-29 के लड़ाकू विमान स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर रात के समय पहली बार उतरा जिसे भारतीय नौसेना ने 'ऐतिहासिक उपलब्धि' बताया है। कहा कि इस "चुनौतीपूर्ण" 'नाइट लैंडिंग' परीक्षण के आईएनएस विक्रांत के चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर अंदाज का प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि पिछले हफ्ते बुधवार रात को हासिल की गई जब जहाज अरब सागर में नौकायन कर रहा था।

कितना ताकतवर है मिग-29 लड़ाकू विमान

हिंद महासागर के तट पर तैनात आईएनएस विक्रांत पर घातक युद्धक्त विमानों की तैनाती कर अपने दुश्मन देशों को अपनी शक्ति से परिचित करवाया है। इस युद्धपोत पर मिग-29 के फाइटर जेट के अलावा एमएच 60आर मल्टी रोल हेलिकॉप्टर और कामोव हेलिकॉप्टर्स भी तैनात किए गए हैं। लेकिन बाकी सारे फाइटर प्लेन के मुकाबले मिग-29 ताकत के मामले में कहीं ज्यादा शक्तिशाली है।मिग-29 लड़ाकू विमान को मूल रूप से किसी भी दुश्मन के विमान के खिलाफ हवा में युद्ध करने के लिए ही खासतौर से बनाया गया था। इस फाइटर प्लेन की खासियत है कि यह एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो अलग-अलग तरह से दुश्मनों पर हमले करने में सक्षम है। यह आमतौर पर हवा से सतह पर सटीकता के साथ हमला कर सकता।रूस ने मिग-29 लड़ाकू विमान के कई वेरिएंट बनाए हैं, जिनका काम अलग-अलग ऑपरेशन को अंजाम देना है। इसमें मल्टीरोल मिकोयान मिग-29एम और नेवल मिकोयान मिग-29के शामिल हैं।

मिग-29 सोवियत संघ में किया गया था डिजाइन

मिग-29 लड़ाकू विमान को सोवियत संघ के दौरान बनाया गया था। बाद में रूस ने इस विमान को कई देशों को बेचा, जिसमें स्लोवाकिया और पोलैंड भी शामिल थे। मिकोयान मिग-29 सोवियत संघ में डिजाइन किया गया एक ड्यूअल इंजन वाला लड़ाकू विमान है। इसे 1970 के दशक में मिकोयान डिजाइन ब्यूरो ने एयर सुपीरियॉरिटी लड़ाकू विमान के तौर पर ईजाद किया था। मिग-29 लड़ाकू विमान पहली बार 1983 में सोवियत वायु सेना में शामिल किया गया था। इसका मुकाबला उस समय अमेरिका के मैकडॉनेल डगलस F-15 ईगल और जनरल डायनेमिक्स F-16 लड़ाकू विमानों से था को कि पहले से ही काफी खतरनाक लड़ाकू विमान में गिने जाते थे।

मिग-29के फाइटर तय कर सकता है 2200 किलोमीटर की रेंज

भारतीय नौसेना के पास करीब 44 मिग-29के फाइटर जेट्स हैं। इसकी ताकत की बात करें तो इनकी लंबाई 56.9 फीट और ऊंचाई 14.5 फीट होती है। यह फाइटर जेट अधिकतम स2200 किलोमीटर रेंज की स्पीड से अपने दुश्मनों पर वार कर सकने में सक्षम है। इसके हथियारों के साथ रेंज कॉम्बैट रेंज 850 किलोमीटर है। अधिकतम 57,400 फीट की ऊंचाई तक जा सकता मिग-29के फाइटर. इंटरनल फ्यूल कैपेसिटी 3500 किलोग्राम होती है. रूस का मिग-35 लड़ाकू विमान पुराने मिग-29 का ही अपग्रेडेड वर्जन है। इसे बेहतर एवियॉनिक्स, बेहतर इंजन और अत्याधुनिक रडार से लैस किया गया है। इसमें ग्लास कॉकपिट लगा हुआ है, जिससे पायलट को चारों और का अच्छा व्यू मिलता है।

मिग-29 में कितने हथियार लग सकते हैं?

मिग-29 में बेहद शक्तिशाली जेट विमान की श्रेणी में आता है। इसमें कई घातक हथियार लगाए जाते हैं। मिग-29 में Gryazev-Shipunov GSh-30-1 ऑटो कैनन गन लगी हुई है। इसमें 20 एमएम की 100 राउंड गोलियों वाला बॉक्स लगा होता है। इसके दोनों विंग के नीचे तीन-तीन हार्ड पॉइंट्स दिए गए हैं। इसके अलावा बीच में 1150 लीटर का फ्यूल टैंक भी लगाया जा सकता है।

किन देशों के पास मिग-29 लड़ाकू विमान

आधिकारिक तौर पर वर्तमान में चार देशों के पास मिग-29 लड़ाकू विमान हैं। इनमें रूसी वायु सेना, भारतीय वायु सेना, उज्बेकिस्तानी वायु सेना और यूक्रेनी वायु सेना शामिल हैं।



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Jyotsna Singh

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