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लाखों होंगे बेरोजगार: सामने आई ये रिपोर्ट, भारतीयों के लिए बुरी खबर
देश-विदेश सब जगह लॉकडाउन की वजह से भारतीय एविएशन सेक्टर भी ध्वस्त होने की कगार पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के चलते एविएशन और इससे जुड़े उद्योगों के लगभग 29 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया की हिला के रख दिया है। देश की अर्थव्यवस्था को ले डूबा है ये कोरोना। ऐसे देश-विदेश सब जगह लॉकडाउन की वजह से भारतीय एविएशन सेक्टर भी ध्वस्त होने की कगार पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के चलते एविएशन और इससे जुड़े उद्योगों के लगभग 29 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। इस सेक्टर में बुरी तरह से गिरने के आसार है।
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29 लाख से भी ज्यादा लोग बेरोजगार
अंतर्राष्ट्रीय एविएशन ट्रैवल एसोसिएशन (आईएटीए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी वजह से भारतीय विमान सेवा कंपनियों को इस साल 1,122 करोड़ डॉलर (करीब 86 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान होगा और 29 लाख से भी ज्यादा लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
जानते हैं कि भारत में 25 मार्च से ही पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है और इसकी वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह से बंद हैं। अंदाजा ये भी लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी उड़ानों को तुरंत शुरू नहीं किया जाएगा।
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1,122.1 करोड़ डॉलर की आय का नुकसान
आई रिपोर्ट्स के अनुसार, कहा गया है, 'यात्री विमान सेवा पर जारी कड़े प्रतिबंध यदि तीन महीने तक रहते हैं तो वर्ष 2019 की तुलना में इस साल देश में यात्रियों की संख्या में 8.98 करोड़ यानी करीब 47 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
इससे विमान सेवा कंपनियों को 1,122.1 करोड़ डॉलर की आय का नुकसान होगा और 29,32,900 लोगों की रोजी-रोटी छिन जाएगी।
भारत में नौकरियां खतरें में
वहीं एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए जारी इस रिपोर्ट में सबसे ज्यादा नौकरियां भारत में जाने की आशंका जताई गयी है जबकि आय के नुकसान के मामले में जापान और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत तीसरे स्थान पर रहेगा।
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ऐसे में एयरलाइंस की कमाई में जापान में 2,200 करोड़ डॉलर और ऑस्ट्रेलिया में 1,400 करोड़ डॉलर से अधिक की गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है।
एयरलाइंस अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही
इस मामले में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय एविएशन ट्रैवल एसोसिएशन (आईएटीए) के उपाध्यक्ष कोनार्ड क्लिफोर्ड ने कहा कि एयरलाइंस अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। यदि सरकारें उनकी मदद नहीं करती हैं और कई एयरलाइंस बंद हो सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय एविएशन ट्रैवल एसोसिएशन (आईएटीए) ने इससे पहले 14 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में यात्रियों की संख्या 36 प्रतिशत घटेगी जिससे 884 करोड़ डॉलर का राजस्व नुकसान होगा और 22.47 लाख लोगों का रोजगार छिन जाएगा।
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