Modi Surname Case: राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका, अर्जी खारिज, दो साल की सजा बरकरार

Modi Surname Case: मोदी सरनेम टिप्पणी मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 7 July 2023 2:36 AM GMT (Updated on: 7 July 2023 8:08 AM GMT)
Modi Surname Case: राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका, अर्जी खारिज, दो साल की सजा बरकरार
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Rahul Gandhi (photo: social media )

Modi Surname Case UpdateToday: मोदी सरनेम टिप्पणी मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साथ ही राहुल गांधी की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया।

बता दें कि सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था। सूरत कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए गत 23 मार्च को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सूरत कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। सूरत कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आज शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट से भी राहुल गांधी को झटका लगा है।

सूरत कोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के बाद सांसदी रद्द होने पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि केंद्र सरकार मेरी आवाज से डरी हुई है। इसलिए मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से चाहे जितने भी प्रयास किए जाएं मगर वे डरने वाले नहीं हैं।

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राहुल गांधी के इस बयान पर हुई थी सजा

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के एक भाषण पर बड़ा विवाद पैदा हो गया था। राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूछा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत की कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

उनका कहना था कि राहुल गांधी ने यह बयान देकर मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को बदनाम किया है। इस मामले में चली लंबी अदालती कार्यवाही के बाद गत 23 अगस्त को सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुना दी थी।

बयान पर भाजपा ने किया था तीखा हमला

राहुल गांधी के इस बयान के बाद बड़ा सियासी विवाद पैदा हो गया था और भाजपा ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया था। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत भाजपा के अन्य नेताओं का कहना था कि राहुल गांधी ने यह बयान देकर ओबीसी का अपमान किया है और उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। हालांकि राहुल गांधी ने इस मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया था।

राहत मिली तो पलट सकता है अयोग्यता का मामला

गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यदि अदालत की ओर से सूरत की कोर्ट के सजा के फैसले पर रोक लगाई जाती है तो राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता के मामले में नया मोड़ आ जाएगा। ऐसी स्थिति में लोकसभा के स्पीकर और सरकार पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के फैसले को वापस लेने का दबाव बढ़ जाएगा। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो जाएंगे।

वैसे यदि गुजरात हाईकोर्ट की ओर से राहुल गांधी को राहत नहीं मिली तो उनके पास गुजरात हाईकोर्ट की उच्च पीठ के सामने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प बना हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप से सियासत गरमाई हुई है और ऐसे में आज का फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari

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