Modi Surname Case: सदस्यता होगी बहाल, संसद में दिखेंगे राहुल, बंगला भी मिलेगा, ऐसे समझें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने

Modi Surname Case: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को शीर्ष कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लोअर कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। आइए जानते हैं क्या हैं कोर्ट के फैसले के मायने?

Ashish Pandey
Published on: 4 Aug 2023 10:42 AM GMT
Modi Surname Case: सदस्यता होगी बहाल, संसद में दिखेंगे राहुल, बंगला भी मिलेगा, ऐसे समझें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने
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Modi Surname Case (Pic: Social Media)

Modi Surname Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से सुप्रीम राहत मिल गई। राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात के सूरत की लोअर कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। लेकिन कोर्ट ने सजा बरकरार रखते हुए जमानत दे दी थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ ही सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी। यही नहीं शीर्ष कोर्ट ने कांग्रेस नेता को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। शीर्ष कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए उम्मीदों से भरा और कई मायनों में अहम माना जा रहा है।

बहाल होगी लोकसभा की सदस्यता

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं। राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है। राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती। वायनाड में अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं।

सदस्यता बहाली के लिए स्पीकर से मिले अधीर

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चैधरी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लोकसभा के अध्यक्ष से मुलाकात की और राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने की मांग की। अधीर रंजन चैधरी ने उम्मीद जताई कि स्पीकर जल्द ही राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का फैसला लेंगे।

अब आगे क्या करना होगा राहुल गांधी को?

शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय का रुख करते हुए वहां प्रतिवेदन देना होगा। प्रतिवेदन में सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश का उल्लेख कर लोकसभा सदस्यता बहाल करने का अनुरोध करना होगा। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेंगे और फिर राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी होगा। राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। फिर भी, लोकसभा सचिवालय को सदस्यता बहाली पर फैसला जल्द लेना होगा।

सदस्यता बहाल होने पर मिलेगा घर

संसद की सदस्यता समाप्त होने के बाद राहुल गांधी को दिल्ली में मिले अपने आवास को भी खाली करना पड़ा था। अब संसद सदस्यता बहाल होने पर राहुल गांधी को दिल्ली में फिर से घर अलाट होगा, अब उन्हें क्या वही बंगला मिलेगा जिसमें वे पहले रह रहे थे क्या कोई और।

लड़ सकेंगे 2024 का लोकसभा चुनाव

वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही राहुल गांधी के 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर अटकलें समाप्त हो गई हैं। अगर शीर्ष कोर्ट से भी राहुल को सजा और दोषी करार दिए जाने के लोअर कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई जाती तो वे 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाते। अब सुप्रीम कोर्ट के रुख और ताजा फैसले, इन दोनों से ये साफ हो गया है कि राहुल गांधी न केवल संसद में लौटेंगे बल्कि 2024 के चुनाव में बतौर उम्मीदवार भी मैदान में नजर आएंगे।

सियासी करियर को मिली संजीवनी

मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के सियासी करियर को संजीवनी मिल गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनको संसद से दूर रखने का कोई कारण नहीं है। ये मनमानी करने वालों के लिए करारा झटका है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी सदन में मौजूद रहेंगे। कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ और आक्रामक तेवर अपना सकती है।

26 विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस के लिए भी राहुल पर आया फैसला अहम माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निश्चित ही राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत दी है। अब आने वाले दिनों में राहुल गांधी का तेवर बीजेपी के खिलाफ और भी आक्रामक रहने के आसार हैं।

Ashish Pandey

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