तीन दिन तक भोपाल में रहेंगे मोहन भागवत और भैयाजी जोशी, होगी अहम बैठक

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भय्या जी जोशी आज से सात नवंबर तक भोपाल प्रवास पर रहेंगे। इस अवधि में वे संघ के क्षेत्रीय कार्यकारी मंडल की 5-6 नवंबर को होने वाली बैठक में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे।

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Published on: 4 Nov 2020 3:44 AM GMT
तीन दिन तक भोपाल में रहेंगे मोहन भागवत और भैयाजी जोशी, होगी अहम बैठक
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तीन दिन तक भोपाल में रहेंगे मोहन भागवत और भैयाजी जोशी, होगी अहम बैठक

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भय्या जी जोशी आज से सात नवंबर तक भोपाल प्रवास पर रहेंगे। इस अवधि में वे संघ के क्षेत्रीय कार्यकारी मंडल की 5-6 नवंबर को होने वाली बैठक में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। इस बार मध्य क्षेत्र की टोली के साथ भोपाल के शारदा विहार में बैठक होगी। जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के संघ पदाधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में कोरोना काल में संघ द्वारा की गई सेवाओं की समीक्षा की जायेगी और आदिवासियों के बीच में भ्रम फैलाने वाली संस्थाओं से निपटने व मजदूरों को मुख्य धारा में लाने की रणनीति बनायी जायेगी। बीते तीन माह में सरसंघचालक भागवत का यह तीसरा भोपाल दौरा है।

क्षेत्रीय स्तर पर बैठकें आयोजित करने का फैसला

कोरोना महामारी के कारण अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कार्यकारी मंडल की देशव्यापी बड़ी-बड़ी बैठके करने के बजाय क्षेत्रीय स्तर पर छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत भोपाल में आयोजित हो रही इस बैठक में केवल 40 संघ पदाधिकारियों के शामिल होने की खबर है।

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दरअसल, हर साल संघ की अखिल भारतीय स्तर पर कार्यकारी मंडल की बैठक होती थी, लेकिन इस साल कोरोना संकट के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। इसलिए सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भय्या जी जोशी क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करने वाली टोलियों के साथ बैठक कर रहे हैं। संघ की जानकारी में आया है कि देश में संख्या के हिसाब से मप्र. और छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में रहने वाले आदिवासी वर्ग हमेशा से अपने को हिंदू बताते और लिखते रहे है।

लेकिन पिछले कुछ समय से सक्रिय कुछ संस्थाए इन आदिवासियों को प्रलोभन दे कर भ्रमित कर रही है कि वह 2021 की जनगणना में अपने धर्म के आगे हिदू न दर्ज कराये। मध्य क्षेत्र की बैठक में संघ इन संस्थाओं से निपटने की रणनीति बनायेगा ताकि ये आदिवासी 2021 की होने वाली जनगणना में अपने धर्म के आगे हिंदू ही दर्ज कराये।

बता दे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरे देश को 11 क्षेत्रों में बांटा हुआ है इनमें से एक मध्य क्षेत्र है। मध्य क्षेत्र में हो रही इस बैठक से पहले संघ बेंगलुर में बैठक कर चुका है। संघ पदाधिकारियों के मुताबिक हर वर्ष दीपावली से पहले कार्यकारी मंडल की बैठक बुलाए जाने का प्रविधान है।

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