TRENDING TAGS :
MP Election 2023: कद वाले बयान पर सिंधिया का प्रियंका पर जोरदार पलटवार, यूपी में मिली करारी हार की दिलाई याद
MP Election 2023: चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जिस तीखे अंदाज में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कभी अपने सहयोगी रहे मौजूदा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा, उसकी खूब चर्चा हुई।
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान जारी है। पोलिंग बूथों पर बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए जुट रहे हैं। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है। लेकिन नेताओं के बीच जुबानी जंग का दौर जारी है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जिस तीखे अंदाज में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कभी अपने सहयोगी रहे मौजूदा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा, उसकी खूब चर्चा हुई।
प्रियंका के बयान पर सिंधिया समेत अन्य भाजपा नेताओं की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एकबार फिर प्रियंका गांधी पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कद वाले बयान का जवाब देते हुए कहा, कुछ लोग खुद को बड़ा नेता मानते हैं। इसी का नतीजा होता है कि यूपी में 80 में से केवल एक सीट जीत पाए और कांग्रेस अध्यक्ष भी चुनाव हार गए। दरअसल, उस दौरान राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हुआ करते थे।
क्या कहा था प्रियंका ने ?
15 नवंबर को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस की स्टार प्रचारक ग्वालियर चंबल के दतिया में रैली करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने अब तक का सबसे बड़ा हमला केंद्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बोला था। उन्होंने कहा, सिंधिया जी के साथ मैंने यूपी में काम किया। क्या है कि वे कद में छोटे पड़ गए लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह। उन्होंने (सिंधिया) अपने परिवार की परंपरा को बहुत अच्छे से निभाई है। इन्होंने ग्वालियर-चंबल की जनता के साथ धोखा किया है। आपकी पीठ में छुरा घोंपा है।
दरअसल, सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उस दौरान उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी दी गई थी। कांग्रेस महासचिव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ काम करने का जो जिक्र अपने भाषण में किया, वो इसी को लेकर था। 2019 के आम चुनाव के दौरान प्रियंका पूरे यूपी की प्रभारी थी। हालांकि, इस दौरान पार्टी को शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा था।
उनके भाई और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक अपनी अमेठी की सीट बचा नहीं पाए थे। उन्हें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पूरे 80 में से केवल एक सीट कांग्रेस जीत पाई थी। वो सीट सोनिया गांधी की रायबरेली सीट है। सिंधिया ने इसी चुनाव परिणाम को लेकर प्रियंका गांधी पर जवाबी हमला बोला है।
एक दिन पहले प्रियंका को बताय था पार्ट-टाइम नेत्री
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इससे पहले 15 नवंबर को भी प्रियंका गांधी को पार्ट-टाइम नेत्री बता हमला बोला था। परिवार पर किए गए हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, किस परिवार के सपूतों ने अफ़ग़ानों से लेकर मुग़लों और अंग्रेजों तक से भारत माता की रक्षा हेतु अपनी जान की क़ुर्बानी दी थी, और किसने चीन से भारत की रक्षा करना तो दूर, उन्हें भारतीय ज़मीन ही भेंट के रूप में दे दी थी ? किस परिवार की दूसरी पीढ़ी ने सत्ता के लोभ में इमरजेंसी लगायी थी? और आज भी किस परिवार की वर्तमान पीढ़ी स्वयं विदेशी मंचों पर जाकर देश को बदनाम कर रही है?
अपने भाषण के दौरान ग्वालियर चंबल को “ग्वालियर चंबा” कहने वालीं प्रियंका गांधी जी को मेरे परिवार पर आक्रमण करने के लिए भी एक पर्चे पर लिखी लाइनों की आवश्यकता पड़ी। उनकी सोच और ग्वालियर चंबल को लेकर समझ कितनी है, इसका अंदाज़ा भी लग गया। ग्वालियर-चंबल की मेरी जनता से अनुरोध है कि इस अपमान और निम्न स्तर के भाषण का उत्तर ज़रूर 17 नवंबर को अपना मतदान करके दें, और कांग्रेस पार्टी को सबक़ सिखाएं।
सिंधिया के समर्थन में उतरे बीजेपी के दिग्गज
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता भी मैदान में नजर आए। एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी के बयान को उनके अहंकार की पराकाष्ठा करार दिया। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश और देश की जनता इस अभद्र व असहनीय टिप्पणी एवं अहंकार से भरे शब्दों के लिए प्रियंका गांधी कभी माफ नहीं करेगा।
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, प्रियंका जी की बात से एक बार फिर से प्रमाणित हुआ कि गांधी परिवार का अहंकार आसमान से भी ऊंचा है। यह परिवार भले ही अपने आप को शाही परिवार समझे, इसका मतलब यह नहीं की इनका विरोध करना राजद्रोह है। इस परिवार का अस्तित्व एक ही बिंदु पर खड़ा है, कि देश पर शासन करना एक ही परिवार के सदस्यों का जन्म सिद्ध अधिकार हैं।