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सांसद का रिपोर्ट कार्ड : 70 प्रतिशत लोग अपने सांसद को नहीं पहचानते
कपिल देव मौर्य
मछलीशहर (सुरक्षित): राम चरित्र निषाद (भाजपा)
जौनपुर। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के समय मोदी लहर का लाभ पाकर चुनाव जीतने वाले मछलीशहर सु. संसदीय क्षेत्र के सांसद राम चरित्र निषाद को क्षेत्र की लगभग 70 प्रतिशत से अधिक आवाम पहचानती तक नहीं है। इसका कारण है कि वे चुनाव के समय से लेकर चुनाव जीतने के बाद भी क्षेत्र में नजर ही नहीं आए हैं। उनका अधिक समय दिल्ली में ही बीता है। जौनपुर आने पर सांसद जी अपने प्रतिनिधि के आवास पर विश्राम करने के बाद क्षेत्र के चंद लोगों से मिलने के बाद पुन: दिल्ली चले जाते रहे हैं। उनके प्रतिनिधि के नाम पर विजय चंद पटेल नामक व्यक्ति क्षेत्र की आवाम का कार्य कराने के नाम पर उनका शोषण जरूर करता रहा है। श्री निषाद के कार्यों एवं लोकप्रियता की खुफिया जांच भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कराने के बाद पाया कि इनकी परफार्मेंस खराब है तो पार्टी ने 2019 के इस चुनाव में इनके ऊपर किसी तरह का रिस्क लेना उचित नहीं समझा और उन्हें मछली शहर सु. संसदीय सीट से टिकट देने से परहेज कर लिया है। इसीलिए भाजपा अब इस सीट से नये प्रत्याशी की तलाश शुरू कर दी है।
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कमीशनखोरी का आरोप
बतौर सांसद पांच साल तक दिल्ली में डेरा जमाए रहने वाले सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की अनदेखी की जिसका परिणाम है कि क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं दिख रहा। अपने चन्द कथित प्रतिनिधियों के कहने पर क्षेत्र में सोलर लाइट लगाने के लिए सांसद निधि की धनराशि का लगभग 60 प्रतिशत अंश देने का उल्लेख सरकारी अभिलेखों में जरूर मिलता है। इसमें 40 प्रतिशत की कमीशनखोरी का आरोप भी लगाया जा रहा है। आज तक क्षेत्र में 30 प्रतिशत काम जमीन पर दिख रहा है जबकि डीआरडीए के अभिलेख में कार्य पूरा हो चुका है।
आदर्श गांवों में विकास नहीं
प्रधानमंत्री की पहल पर सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र के दो गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में चुना। पहली सूची में जफराबाद विधानसभा क्षेत्र का आरा गांव था और दूसरी सूची में केराकत विधानसभा क्षेत्र का सरौनी पूरब पट्टी गांव था। इन दोनों गांवों के विकास का सच यह है कि निर्धारित मानक के तहत एक भी गांव में विकास कार्य नहीं कराया जा सका है। सरकारी अभिलेख की मानें तो सोलर लाइट के बाद कागज पर सड़क के लिए सांसद निधि दिया जाना दिखाया गया है, लेकिन पूरे संसदीय क्षेत्र की एक भी सड़क पर काम नहीं दिखा है। हैंडपंप के नाम पर दिए गए पैसे में कमीशनखोरी के आरोप हैं। सांसद प्रतिनिधियों द्वारा प्रति हैंडपम्प दो हजार रुपये वसूली की चर्चा क्षेत्र में लगभग हर जुबान पर है।
सांसद का नहीं हुआ दीदार
आदर्श गांव आरा के ग्रामीण उदयभान राय का कहना है कि मेरा सांसद कैसा है, हम लोग नहीं पहचानते है क्योंकि पिछले पांच साल के दौरान इस आदर्श गांव में सांसद जी का दीदार ग्रामीणों को नहीं हो सका है। हरिलाल प्रजापति ने बताया कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर में लोगों ने भाजपा को वोट तो दिया था, लेकिन यदि राम चरित्र निषाद ही इस बार भी प्रत्याशी रहे तो भाजपा को निश्चित रूप से इस क्षेत्र में पराजय का सामना करना पड़ेगा। मछलीशहर के सुबाष चन्द गुप्ता ने बताया कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं, लेकिन अपने सांसद से नाराज जनता पार्टी से नाराज हो गयी है। इस बाबत सांसद का पक्ष जानने की कोशिश की गयी मगर कई बार फोन करने के बावजूद उनसे बात नहीं हो सकी।