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62 के हुए मुकेश अंबानी, जानें कैसे बनें इनकी तरह बिजनेसमैन

आज इनके इस जन्मदिन के मौके पर हम इनके द्वारा दिए गए विचारों से आपको रूबरू कराएंगे जो कि आपको एक अच्छा व्यवसायी बनने में मदद करेंगे।

Roshni Khan
Published on: 19 April 2019 9:13 AM GMT
62 के हुए मुकेश अंबानी, जानें कैसे बनें इनकी तरह बिजनेसमैन
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लखनऊ: एशिया के सबसे अमीर व्यवसायी मुकेश अंबानी आज यानी 19 अप्रैल को 62 साल के हो गए हैं। इनके पिता का नाम धीरुभाई अंबानी है और माता का नाम कोकिला बेन अंबानी है। इनका परिवार गुजरात के मोध बनिया समुदाय से ताल्लुक रखता है। मुकेश अंबानी भारत के सबसे बड़े व्यवसायी हैं जिनका रिलायंस ग्रुप में 48% शेयर है और फोर्ब्स के अनुसार इनकी संपत्ति 40.1 अरब डॉलर है।

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आज इनके इस जन्मदिन के मौके पर हम इनके द्वारा दिए गए विचारों से आपको रूबरू कराएंगे जो कि आपको एक अच्छा व्यवसायी बनने में मदद करेंगे।

मुकेश अंबानी के विचार

-रिश्ता और विश्वास, जीवन का आधार है।

-अपने स्वयं के संगीत पर नृत्य करें और जीवन में कुछ जोखिम उठाएं, क्योंकि यह अक्सर होता है, जोखिम लेने वाला ही इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलता है, और लाखों लोगों की भलाई में योगदान देता है।

-मेरा विचार सभी को अपने तरीके से विकसित होने के लिए जगह देना है। जब आप किसी पारिवारिक फर्म में पुनर्गठन या अलगाव देखते हैं, तो मूल्य लगभग हमेशा नष्ट हो जाता है। यह पहला मामला है जहां मूल्य बढ़ाया गया है। इस तरह यह एक जीत का अंत रहा है।

-हम सभी जानते हैं कि अब सूर्य से ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सकता है, और हमें इसका उपयोग करने के लिए इसे समझदारी से बदलने की आवश्यकता है।

-मैं व्यक्तिगत रूप से एक बड़ा विश्वासी हूं कि टेक्नोलोजी मानव विकास का सबसे बड़ा चालक है, और यदि आप लोगों को लाभान्वित करने के लिए टेक्नोलोजी का उपयोग कर सकते हैं, तो आपके पास सबसे अच्छा व्यवसाय हो सकता है।

-मैं आम तौर पर ये सोचता हूँ, कि हमें अपने कार्यों से बात करना चाहिए ना कि शब्दों से।

-हम सभी, एक अर्थ में, हर समय निरंतर संघर्ष करते हैं, क्योंकि हमें वह कभी नहीं मिलता है जो हम चाहते हैं। महत्वपूर्ण बात जो मैंने वास्तव में सीखी है वह यह है कि आप कैसे हार नहीं मानते, क्योंकि आप पहले प्रयास में कभी सफल नहीं होते हैं।

-किसी भी व्यवसाय की आत्मा का मकसद अगर पैसा कमाना है तो वह कभी करने योग्य नहीं है।

-किसी भी व्यवसायी के लिए सबसे जरूरी आत्मविश्वास होता है और उस विश्वास को सच्चाई में बदलने की क्षमता होनी चाहिए।

मुकेश अंबानी का सफर

शुरुआत- 1977 में रिलायंस के बोर्ड से जुड़े, 2002 में ग्रुप के चेयरमैन बने, 2005 में बंटवारे के बाद से ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर

बंटवारे के वक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप- 2005 में 96,668 करोड़ रुपए

2005 में अंबानी की नेटवर्थ- 48,601 करोड़ रुपए

मुख्य कारोबार- इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, रिलायंस जियो, रिलायंस रिटेल, नेटवर्क 18, रिलायंस LYF, मुंबई इंडियंस

रिलायंस का मौजूदा मार्केट कैप- 8.76 लाख करोड़ रुपए

मुकेश अंबानी की मौजूदा नेटवर्थ- 3.81 लाख करोड़ रुपए

पिता से सीखीं हुई बातें

मुकेश अंबानी की इस सफलता के पीछे उनके पिता धीरुभाई अंबानी की दी हुई सीख है। धीरूभाई के सिखाए इन कारोबारी गुरों को मुकेश अंबानी अपने कारोबार में लेकर आए, जिन्हें ध्यान में रखकर उन्होंने अपने कारोबार को बड़ा किया है।

कारोबार में आइडिया होता है सुप्रीम

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने पिता धीरूभाई अंबानी की ये बात हमेशा याद रही है कि यह वर्ल्ड सिर्फ आइडिया के दम पर भी आगे बढ़ता है। पहले सिर्फ सरकारें समाज में बदलाव लाती थीं, फिर कारोबारियों ने बदलाव शुरू किया और अब यह काम स्टाार्टअप कर रहे हैं। यानी एक छोटा आइडिया भी आपकी डेली रूटीन लाइफ से लेकर दूनिया को बदलने का माद्दा रखता है।

हमेशा सीखते रहो

धीरूभाई अंबानी ने कहा था कि रिलायंस की उम्र हमेशा 30 रखना। यानी, अपने अंदर हमेशा सीखने की भूख को डेवलप करते रहना। यानी 30 तक की उम्र ऐसी होती है जब आपके अंदर हमेशा सीखते रहने की सोच बनी रहती है।

मुकेश अबांनी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब उन्होंने कंपनी ज्वाइन की थी तब रिलायंस कंपनी 18 करोड़ रुपए की थी। पहले ही साल में 1.8 करोड़ रुपए का आईपीओ लेकर आए थे। अब उन्हें कारोबार में 40 साल से अधिक हो गया है। उन्होंने हमेशा सीखते रहने के जज्बे को अपने अंदर जिंदा रखा है।

नेक्स्ट जनरेशन के साथ कनेक्ट रहो

मुकेश अंबानी के मुताबिक उन्होंने अपने पिता से काफी कुछ सीखा है। मुकेश अंबानी अपने कई इंटव्यू में बता चुके हैं कि उनके पिता उन्हें पार्टनर की तरह ट्रीट करते थे। जब मुकेश अंबानी 14 साल के थे, तब धीरूभाई अंबानी ने उन्हें कहा था कि वह अंडर ट्रेनिंग नहीं है, बल्कि उनके पार्टनर हैं और ये कंपनी उनकी जिम्मेदारी है।

मुकेश अंबानी ने अपने बच्चों ईशा और आकाश अंबानी के साथ भी कारोबार में ट्रेनी की जगह पार्टनर वाला ही रिश्ता रखा है। पार्टनरशिप वाले रिश्ते के अच्छे रिजल्ट उन्हें अपने कारोबार के नए वेंचर में भी नजर आया है।

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कारोबार में हिस्ट्री बनाते रहो

आप अपनी जिदंगी में ऐसे काम करें कि लोग आपके जाने के बाद भी आपके किए गए काम को याद रखें। अपना व्यवहार अच्छा रखें और नेगेटिविटी न लाएं। जैसे अगर ‘इसने काम किया है, अच्छा नहीं किया होगा।’ ये न सोचें। कारोबार में पॉजिटिविटी के साथ काम करते रहे।

कारोबार में कस्टमर होता है बॉस

कारोबार में कस्टमर हमेशा बॉस होता है। कभी भी कारोबार में ऐसा मत करो कि कस्टमर को नुकसान उठाना पड़े या उसे परेशानी हो। मुकेश अंबानी को धीरूभाई अंबानी की ये सीख हमेशा याद रही है कि कस्टमर के हित का ध्यान पहले रखना है।

Roshni Khan

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