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निर्भया के दोषी मुकेश का जेल प्रशासन पर आरोप- मेरे साथ हुई ये अश्लील हरकत
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा पाए मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब बुधवार यानी 29 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा।
नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा पाए मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब बुधवार यानी 29 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा।
इससे पहले आज निर्भया केस में मौत की सजा पाए मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में दोषी की वकील अंजना प्रकाश ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके क्लाइंट के साथ जेल में यौन शोषण हुआ था। उस समय प्रिजन ऑफिसर वहां थे, लेकिन उन्होंने मदद नही की।
मुकेश को उस समय हॉस्पिटल नहीं ले जाया गया। बाद में उसे दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल ले जाया गया। मुकेश की वकील ने कहा वो मेडिकल रिपोर्ट कहां है?
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जेल अधीक्षक ने कानून का पालन नहीं किया: आरोपी की वकील
मुकेश की वकील ने कहा, ‘वो न्यायिक फैसले को चुनौती नहीं दे रही हैं, क्योंकि जब मुकेश की क्यूरिटिव पीटिशन खारिज हुई, तभी न्यायिक फैसले को चुनौती देने की प्रक्रिया खत्म हो चुकी थी। हम सिर्फ राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।’
दोषी की वकील ने कहा कि कोर्ट में कहा, कहते हैं ‘पाप’ से नफरत करो ‘पापी’ से नहीं, लेकिन जेल अधीक्षक ने कानून का पालन नहीं किया।
आगे वकील ने कहा, ‘राष्ट्रपति को जो दया याचिका दी की गई थी, उसमें जेल सुपरिटेंडेंट ने अपना सुझाव नहीं दिया। अगर जेल अधीक्षक को सुझाव देने की जरूरत नहीं थी तो ‘कॉलम’ क्यों दिया गया है।
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मुकेश का भाई आत्म हत्या कैसे कर सकता है?
अगर कॉलम है तो उन्हें सुझाव देना चाहिए था। इतना ही नहीं दोषी की वकील ने अपनी दलील में कहा, 'उसके भाई राम सिंह को मार दिया गया। जेल ऑफिसर कह रहे है कि उसने फांसी लगाई गई, जबकि उसकी एक हाथ खराब था। वो फांसी लगाकर खुदकुशी कैसे कर सकता है।
मुकेश ने कहा कि मैं इस बाबत एफआईआर दर्ज कराना चाहता था। मुकेश की वकील ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुकेश को क्यूरेटिव याचिका खारिज होने से पहले ही एकांत कारावास में रखा गया था।
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