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मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास सतर्कता बढ़ायी गयी

संभावित मानव तस्करी और अवैध मादक पदार्थ तस्करी पर लगाम लगाने के लिये मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास असम राइफल्स ने सतर्कता बढ़ा दी है। अर्द्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

Rishi
Published on: 8 May 2019 5:45 PM IST
मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास सतर्कता बढ़ायी गयी
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इंफाल : संभावित मानव तस्करी और अवैध मादक पदार्थ तस्करी पर लगाम लगाने के लिये मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास असम राइफल्स ने सतर्कता बढ़ा दी है। अर्द्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि सीमाई शहर मोरे जाने वाले स्थानीय लोगों में अधिकतर कारोबारी होते हैं, उन्हें समुचित पहचान पत्रों के साथ ही यात्रा करने का निर्देश दिया गया है।

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मौजूदा द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के स्थानीय लोगों को सीमा से 16 किलोमीटर अंदर तक बिना दस्तावेज के यात्रा करने की अनुमति है।

असम राइफल्स के अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य के चंदेल, चूराचांदपुर और उखरुल जिलों में आतंकवादियों और मादक पदार्थ तस्करों की संभावित गतिविधि को लेकर खुफिया सूचना मिलने के बाद यह जरूरी कदम उठाये गये हैं।’’

पड़ोसी मिजोरम में 12 संदिग्ध रोहिंग्या को कथित मानव तस्कर गिरोह से बचाये जाने तथा उखरुल जिले के शिहाई गांव में आतंकवादी संगठन एनएससीएन (आईएम) द्वारा स्थापित ‘‘अवैध शिविरों’’ के खुलासे के मद्देनजर यह एहतियाती उपाय किये गये हैं।

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केंद्र के साथ संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर करने के बाद 1997 से एनएससीएन (आईएम) की गतिविधि शांत रही है।

संघर्ष विराम के जमीनी नियमों के अनुसार संगठन के सदस्य नगालैंड स्थित अपने निश्चित शिविरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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