यूपी के बाद बंगाल में मोदी व शाह की सबसे अधिक जनसभा

seema
Published on: 11 May 2019 10:22 AM GMT
यूपी के बाद बंगाल में मोदी व शाह की सबसे अधिक जनसभा
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कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी 42 संसदीय सीटों वाले देश के तीसरे सबसे बड़े राज्य पश्चिम बंगाल में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है। उत्तर प्रदेश के बाद बंगाल की ऐसा राज्य है, जहां भाजपा अपनी ताकत को और मजबूत करने में लगी है और यही वजह है कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अमित शाह लगातार दौरा कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य है, जहां प्रधानमंत्री व अमित शाह की सबसे अधिक सभाएं हुई हैं। एक वैकल्पिक 'लुक ईस्ट' नीति तैयार करने के बाद, भाजपा ओडीशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर बहुत जोर दे रही है। भारत में सबसे अधिक लोकसभा सीटें (८०) उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि महाराष्ट्र में 48 और उसके बाद पश्चिम बंगाल में 42 सीटें हैं।

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26 मार्च और एक मई के बीच, जो पहले पांच चरणों के मतदान से पहले का समय है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 84 रैलियां या रोड शो आयोजित किये हैं, जबकि अमित शाह ने 74 जनसभाओं को संबोधित किया है। इनमें से नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में 13 जनसभाओं और रोड शो में हिस्सा लिया है, जबकि अमित शाह ने 12 में। मोदी और शाह ने अपने गृह राज्य गुजरात की तुलना में पश्चिम बंगाल में अधिक रैलियों को संबोधित किया है। यहां तक कि महाराष्ट्र की तुलना में, जो शिवसेना के साथ गठबंधन में शासन करता है, बंगाल जाहिर तौर पर भाजपा की योजनाओं में महत्व रखता है। बंगाल के सभी सात चरणों में मतदान के साथ, मोदी और शाह दोनों ही हर दौर से पहले मेगा रैलियों को संबोधित करते हुए राज्य की ओर बढ़ रहे हैं। 19 मई को चुनाव के अंतिम चरण से पहले कोलकाता में रोड शो आयोजित करने की संभावना है।

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भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार का आरोप है कि मिशन बंगाल के लक्ष्य से घबराई ममता प्रदेश में संवैधानिक संकट का माहौल बना रही हैं। उनका आरोप है कि ममता ने हिंसा के लिए तृणमूल के कैडरों को खुली छूट दे दी है। केंद्रीय बल के जवान चुनाव आयोग के निर्देश पर स्थिति से निपटने का प्रयास कर रहे हैं तो उनके सामने राज्य पुलिस और उसके जवानों को खड़ा कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ममता बौखलाहट में जो कदम उठा रही है, उससे राज्य में हिंसा का माहौल बन रहा है। पूरे देश में बंगाल की छवि खराब हो रही है।

जयप्रकाश मजूमदार के मुताबिक, तृणमूल के कार्यकर्ता भाजपा का झंडा और बैनर के साथ फ्लैक्स उखाडऩे में लगे हैं। भाजपा के उम्मीदवारों पर हमला कर हैं लेकिन इससे भाजपा समर्थकों का उत्साह कम नहीं होगा।

'दुश्मन का दुश्मन दोस्त'

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पश्चिम बंगाल में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का काडर जमीनी स्तर पर चुपचाप भाजपा की मदद कर रहा है। यह हो रहा है 'दुश्मन का दुश्मन दोस्त' की तर्ज पर क्यों कि टीएमसी की दुश्मन है भाजपा और माकपा सो ऐसे में यह मदद की जा रही है। बंगाल में भाजपा के चुनावी प्रबंधकों ने माना है कि वे दूसरे अप्रत्याशित लोगों से समर्थन पर निर्भर हैं। इनमें कहीं न कहीं ग्राउंड लेवल पर माकपा कार्यकर्ता भी शामिल हैं। माकपा के जमीनी कार्यकर्ता सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के कथित उत्पीडऩ और बढ़ती ताकत को टक्कर देने के लिए ममता के खिलाफ हैं, इसके लिए उन्हें भगवा पार्टी से हाथ मिलाना पड़ा है। चर्चा है कि टीएमसी के बढ़ते हमलों से परेशान माकपा कार्यकर्ता बूथ और वॉर्ड लेवल पर बूथ मैनेजमेंट में भाजपा की मदद कर रहे हैं। जिन वॉर्डों में लेफ्ट की थोड़ी सी भी पकड़ है तो वहां माकपा काडर चुपचाप भाजपा के लिए प्रचार कर रहा है। एक अलिखित समझौता यह भी है कि मतदान के दिन जिन बूथों पर भाजपा के एजेंट न हों वहां माकपा के कार्यकर्ता निगरानी रखें।

बंगाल में जमीनी स्तर पर चल रही उठापटक के बारे में माणिक सरकार ने साफ इशारा किया है। बंगाल में पार्टी के पक्ष में प्रचार करते हुए माकपा पोलित ब्यूरो के एक सदस्य ने कहा, खुद को तृणमूल कांग्रेस से बचाने के लिए भाजपा को चुनने की गलती मत करें। उन्हें न्योता मत दीजिए,यह एक भयंकर भूल और आत्मघाती फैसला होगा।

भाजपा को माकपा काडर से मिल रहे सहयोग को भांपते हुए ममता ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सावधान रहने को कहा है। अपनी रैलियों में वह कहती रहती हैं कि माकपा कार्यकर्ता ऐसा फिर कर रहे हैं, उनसे सावधान रहें, वे हमारे शत्रुओं की मदद कर रहे हैं। बंगाल में बदल रहे सियासी समीकरण माकपा के लिए अच्छी खबर नहीं है। माकपा कार्यकर्ताओं का नारा है, 'उन्नीसै हाफ, इक्कीसै साफ (2019 में आधा और 2021 में साफ)। माकपा 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को सत्ता से बाहर करने की बात कर रही है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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