TRENDING TAGS :
PM मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, जानिए किन मुद्दों पर हो रही चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हो रही है। यह बैठक प्रवासी भारती केंद्र में चल रही है। इस बैठक में सभी मंत्रालयों का प्रजेंटेशन होगा। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी बैठक है, जहां मंत्रालय की कामकाज की समीक्षा होगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हो रही है। यह बैठक प्रवासी भारती केंद्र में चल रही है। इस बैठक में सभी मंत्रालयों का प्रजेंटेशन होगा। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी बैठक है, जहां मंत्रालय की कामकाज की समीक्षा होगी।
इस बैठक में मंत्री अपने-अपने मंत्रालय के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देंगे। इस बैठक में आवास और पेयजल जैसे कई मुद्दों पर मंथन होगा। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें...लखनऊ हिंसा में बड़ा खुलासा, मालदा से आए दंगाईयों ने ऐसे मचाया कोहराम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिसंबर को सभी मंत्रियों को रिपोर्ट कार्ड मांगा है। प्रधानमंत्री मोदी के सामने सभी मंत्री प्रजेंटेशन देंगे। खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों पर हटाने की कार्रवाई भी हो सकती है। इस अहम मीटिंग के मद्देनजर मोदी कैबिनेट के बहुप्रतीक्षित विस्तार की संभावनाएं भी लगाई जा रही हैं।
यह भी पढ़ें...जान की दुहाई मांग रहे दंगाई, लखनऊ से गोरखपुर तक छापेमारी में 3000 लोग अरेस्ट
फेरबदल की संभावना पर चर्चा
कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी पता करना चाहते हैं कि उनकी प्राथमिकता वाली योजनाओं का किस मंत्रालय में क्या हाल है? कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रालयों के मंत्री हटाए जा सकते हैं। इसके अलावा एक साथ कई बड़े मंत्रालय चला रहे मंत्रियों से कुछ मंत्रालय लेकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें...जानिए आखिर क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, अप्रैल से शुरू होगा सर्वे
बता दें कि 30 मई 2019 को शपथ लेने के छह महीने बाद भी मोदी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है, जबकि 2014 में मई में सरकार बनने के छह महीने में ही नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं।