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National Teachers Award: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के नियमों में हुए बदलाव, जानिए क्या है नए नियम
National Teachers Award: भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार एक महत्वपूर्ण पहचान है जो शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले अध्यापकों को सम्मानित करता है। हाल के समय में इस पुरस्कार में कुछ बदलाव किए गए हैं।
National Teachers Award: भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार एक महत्वपूर्ण पहचान है जो शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले अध्यापकों को सम्मानित करता है। हाल के समय में इस पुरस्कार में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार के आवेदन के लिए शिक्षा के छेत्र में न्यूनतम 10 वर्षो का अनुभव अनिवार्य है। साथ ही पुरस्कार मिलने वाले शिक्षकों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के पात्रता नियमो में हुए बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के नए नियमों के अनुसार भारत के सभी शिक्षक या प्रधानाध्यापक इस पुरस्कार के लिए तभी आवेदन कर सकेंगे जब उन्हें शिक्षा के छेत्र में न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव प्राप्त होगा। इस समय अवधि स्वे काम में शिक्षक इस पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। किसी भी विद्यालय में पढ़ने वाले संविधा कर्मी शिक्षक या शिक्षा मित्र अध्यावक इस पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
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पुरस्कार मिलने वाले शिक्षकों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के नए नियमों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने वाले शिक्षको की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अब नए नियम में 47 से बढ़कर 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त होगा। 50 शिक्षकों की संख्या में 2 दिव्यांग शिक्षक भी इस सम्मान से पुरस्कृत होंगे।
अब प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भी इस पुरस्कार के लिए कर सकेंगे आवेदन
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के नए नियमों के अनुसार अब प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक भी इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेंगे। सीबीएसई, आईसीएसई के सभी शिक्षक जिन्हे शिक्षा के छेत्र में 10वर्ष या उससे अधिक का अनुभव है वो अपने आवेदन दे सकेंगे। इससे पहले इस पुरस्कार के लिए सिर्फ सरकारी स्कूलों के अध्यापक ही आवेदन के लिए मान्य होते थे ।
15 जुलाई तक होंगे आवेदन
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षक १५ जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। 15 जुलाई के बाद देश के किसी भी शिक्षक के इस पुरस्कार के लिए आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। यह सभी आवेदन प्रथम चरण में जिले के शिक्षा विभाग में जायेगे उसके बाद द्वितीय चरण में राज्ये के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास, तृतीय और अंतिम चरण में शिक्षा मंत्रालय द्वारा आये हुए आवेदन के अनुसार पुरस्कार मिलने वाले शिक्षकों की संख्या तय होगी।