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नौसेना की ताकत बढ़ी: सहायक-एनजी कंटेनर जीपीएस से है लैस, हुआ सफल परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और नौसेना (Indian Navy) ने गोवा के अपतटीय क्षेत्र में हवा से गिराए जाने वाले कंटेनर सहायक-एनजी का पहला सफल परीक्षण किया जिसे आईएल-38 एसडी विमान से गिराया गया।
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और नौसेना (Indian Navy) ने गोवा के अपतटीय क्षेत्र में हवा से गिराए जाने वाले कंटेनर सहायक-एनजी का पहला सफल परीक्षण किया जिसे आईएल-38 एसडी विमान से गिराया गया। इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी है उन्होंने यह भी बताया कि इसका परीक्षण काफी सफल रहा।
जीपीएस से लैस है पहला स्वदेशी कंटेनर
मिली जानकारी के मुताबिक सहायक-एनजी भारत का पहला स्वदेशी कंटेनर है। यह जीपीएस से लैस है और 50 किलो भार के साथ विमान से गिराया जा सकता है। डीआरडीओ और निजी कंपनी एवांटेल की दो प्रयोगशालाओं में इसका विकास हुआ है। हवा से गिराया जाने वाला सहायक-एनजी कंटेनर सहायक एमकेआई का एडवांस वर्जन है।
कंटेनर 50 किलोग्राम तक वजन ले जा सकता है
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सहायक-एनजी को भारत देश में निर्मित और विकसित किया गया है। हवा से गिराया जाने वाला यह पहला कंटेनर है। इसमें कहा गया कि जीपीएस से लैस यह कंटेनर 50 किलोग्राम तक वजन ले जा सकता है और इसे किसी भारी विमान से गिराया जा सकता है।
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अधिकारियों ने बताई विशेषताएं
इसके डिजाइन और विकास में डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाएं तथा निजी कंपनी अवंटेल शामिल रहीं। मंत्रालय ने कहा, "भारतीय नौसेना ने अपनी अभियानगत साजो-सामान क्षमताओं को बढ़ाने तथा तट से दो हजार किलोमीटर दूर पोतों को महत्वपूर्ण अभियांत्रिकी भंडार उपलब्ध कराने के लिए परीक्षण किया।" बताया गया कि इस कंटेनर के आने से उपकरण और अन्य वस्तुओं का भंडार लेने के लिए पोतों के तट तक आने की जरूरत कम होगी।
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