कैप्टन और सिद्धू के बीच तल्खी बरकरार, राहुल की मौजूदगी में अपनी ही सरकार को घेरा

सियासी हलकों में पहले कहा जा रहा था कि राहुल गांधी के पंजाब दौरे के दौरान सिद्धू की रीलॉन्चिंग की जाएगी मगर राहुल की इस यात्रा के दौरान बात बनने की बजाय और बिगड़ गई।

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Published on: 6 Oct 2020 5:04 AM GMT
कैप्टन और सिद्धू के बीच तल्खी बरकरार, राहुल की मौजूदगी में अपनी ही सरकार को घेरा
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कैप्टन और सिद्धू के बीच तल्खी बरकरार, राहुल की मौजूदगी में अपनी ही सरकार को घेरा (social media)

नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तल्खी अभी दूर नहीं हुई है। इसका नजारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोगा में हुई रैली में मिला जिसमें सिद्धू ने किसानों को फसलों की एमएसपी देने के मामले में अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने मंच संचालक को झिड़कते हुए कहा कि आज मुझे मत रोको और अपनी बातें बोल लेने दो। सिद्धू के भाषण से कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत नाराज हो गए। नतीजा यह हुआ कि राहुल गांधी की अगली रैलियों में सिद्धू नदारद दिखे और उनकी गैरहाजिरी चर्चा का विषय बन गई।

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रोकने पर भड़क गए सिद्धू

सियासी हलकों में पहले कहा जा रहा था कि राहुल गांधी के पंजाब दौरे के दौरान सिद्धू की रीलॉन्चिंग की जाएगी मगर राहुल की इस यात्रा के दौरान बात बनने की बजाय और बिगड़ गई। मोगा में हुई रैली के दौरान मंच पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में सिद्धू ने उनकी सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए। सिद्धू को रोकने के लिए जब उनकी स्पीच के दौरान हरीश रावत की ओर से कागज पर लिखकर कुछ संदेश भिजवाया गया तो सिद्धू भड़क उठे।

चाहकर भी पहले नहीं बोल पाया

उन्होंने मंच का संचालन कर रहे पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा को झिड़कते हुए कहा कि मुझे रोकने की कोशिश न की जाए। उन्होंने कहा कि आप लोगों की वजह से मैं पहले भी नहीं बोल पाया हूं, लेकिन अब मुझे रोकने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

congress congress (social media)

राहुल के साथ बैठने की नहीं मिली जगह

करीब 17 महीने बाद सिद्धू राहुल गांधी के साथ किसी मंच पर दिखे थे और इस दौरान उन्होंने जोरदार भाषण भी दिया मगर उनके राज्य सरकार पर निशाना साधने से कैप्टन अमरिंदर सिंह का खेमा खासा नाराज है। हालांकि सिद्धू को राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर बैठने की जगह नहीं मिली और इस कारण वे काफी खिन्न नजर आए।

बाद की रैलियों में नहीं दिखे सिद्धू

मोगा रैली में तो सिद्धू तीखे तेवर में दिखे, लेकिन बाद में हुई संगरूर और पटियाला की रैलियों में सिद्धू नहीं दिखे। पार्टी के एक बड़े वर्ग की नाराजगी के कारण पहले ही माना जा रहा था कि इन रैलियों में सिद्धू नहीं आएंगे। हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने यह कहकर विवाद को छिपाने की कोशिश की कि सिद्धू को इन रैलियों में नहीं बुलाया गया था।

congress congress (social media)

रावत ने किया सिद्धू का बचाव

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पूरे मामले में सिद्धू का बचाव करते नजर आए। उनका भी कहना था कि सिद्धू को एक दिन के लिए ही बुलाया गया था मगर वे भविष्य में कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सिद्धू की ओर से अपनी ही सरकार के खिलाफ हमला करने के संबंध में रावत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं और वे राज्य की वित्तीय स्थिति को देखकर किसानों के पक्ष में ही फैसला करते हैं। रावत ने कहा कि कैप्टन पंजाब के किसानों के लिए एमएसपी लागू करना चाहते हैं मगर पंजाब के पास इतना पैसा नहीं है कि वे यह कदम उठा सकें।

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दूरियां खत्म करने की कोशिशें नाकाम

कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच काफी दिनों से रिश्ते में खटास चल रही है। हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनने के बाद सिद्धू की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। माना जा रहा था कि राहुल गांधी के पंजाब दौरे के दौरान सिद्धू की नाराजगी दूर हो जाएगी मगर इस दौरे के दौरान यह बात साफ दिखी कि कैप्टन और सिद्धू के बीच की दूरियां अभी नहीं मिटी हैं।

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