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Chhattisgrah News: रक्षाबंधन मनाने गांव आए जवान की नक्सलियों ने कर दी हत्या, गांव के पास फेंका शव
Chhattisgrah News: जवान रक्षाबंधन का त्योहार मनाने छुट्टी लेकर अपने गांव पहुंचा था। जहां नक्सलियों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर किसी धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया। घटना बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र की है।
Chattisgarh Election: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक जवान की निर्मम हत्या कर दी है। जवान रक्षाबंधन का त्योहार मनाने छुट्टी लेकर अपने गांव पहुंचा था। जहां नक्सलियों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर किसी धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया। घटना बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र की है। लोगों में दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने जवान के शव को गांव के पास ही फेंक दिया।
सुबह जब लोगों की नजर लाश पर पड़ी तो गांव में कोहराम मच गया।
खबरों के मुताबिक, मृतक जवान का नाम बुधराम अवलम है। वह जिले के जांगला गांव का रहने वाला था, जो कि नक्सल प्रभावित इलाका है। वह तोयार थाने में सहायक आरक्षक के पद पर तैनात था। 30 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर छुट्टी लेकर वह अपने गांव बहन से राखी बंधवाने आया था। इसी दौरान नक्सलियों ने उसके साथ खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया।
जवान को गांव से अगवा कर ले गए थे जंगल
30 अगस्त की शाम बुधराम अवलम अपने भतीजे को छोड़ने के लिए पास के ही गांव डुवालीकारका पहुंचा था। नक्सलियों को जब इसकी जानकारी लगी तो वे उसे अगवा करने पहुंच गए। नक्सलियों का जत्था साधारण कपड़े में था, इसलिए गांव वालों को शक नहीं हुआ। इसके बाद वे मौका पाकर अवलम को उठा ले गए। उन्हें पास के जंगल ले जाया गया, जहां कुछ देर उन्हें अपने साथ रखकर फिर धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद गुरूवार सुबह जवान की लाश को गांव के समीप फेंक कर भाग निकले।
सुबह-सुबह जब लोगों की नजर उस लाश पड़ी तो फौरन उन्होंने बुधराम अवलम को इसकी सूचना दी। इस घटना से गांव में मातम के साथ-साथ खौफ का माहौल है। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कस्टडी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। इस घटना के संबंध मं गांव वालों से पूछताछ की जा रही है। आसपास के जंगलों में भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में इस तरह की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी वामपंथी उग्रवादी इन इलाकों से ताल्लुक रखने वाले जवानों और सरकारी कर्मियों को अपना निशाना बनाते रहे हैं। इसके अलावा आम लोगों को भी मुखबिरी के आरोप में जनअदालत में मौत की सजा देते रहे हैं।