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Ghosi By Election 2023: घोसी के सियासी अखाड़े में आज कूदेंगे अखिलेश यादव, दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर होंगे निशाने पर
Ghosi By Election 2023: सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav News) आज खुद घोसी के सियासी अखाड़े में उतर कर पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
Ghosi By Election 2023: 2024 की सियासी जंग से पहले उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को बड़ा सियासी संदेश देने वाला माना जा रहा है। इस चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है।।इसलिए इसे NDA और INDIA की भिड़ंत के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस उपचुनाव में सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने प्रभाव क्षेत्र के बाहर सियासी ताकत दिखाने का बड़ा मौका मिला है। इसी कारण यादव कुनबा उपचुनाव में पूरी ताकत के साथ जुटा हुआ है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव आज खुद घोसी के सियासी अखाड़े में उतर कर पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव तक का चुनाव प्रचार करने के लिए आजमगढ़ न जाने वाले अखिलेश यादव के घोसी जाने का अलग सियासी मतलब निकाला जा रहा है।
दरअसल अखिलेश यादव खुद को झटका देने वाले दो बड़े चेहरों दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर से हिसाब चुकाना चाहते हैं। घोसी की सीट को जीतकर वे यह साबित करना चाहते हैं कि 2022 में उन्होंने इन नेताओं के दम पर नहीं बल्कि अपने दम पर पूर्वांचल में बड़ी कामयाबी हासिल की थी।
दारा सिंह का तंबू उखाड़ने की अखिलेश की मुहिम
प्रदेश के सबसे बड़े सियासी परिवार यानी यादव कुनबे ने घोसी के उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा की जंग बना लिया है। प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दारा सिंह चौहान ने सपा के टिकट पर घोसी में जीत हासिल की थी मगर पिछले दिनों उन्होंने सपा को झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। अब वे भाजपा के टिकट पर अपनी ताकत दिखाने के लिए घोसी के सियासी अखाड़े में फिर कूदे हैं।
इस्तीफा देने के बाद से ही दारा सिंह चौहान सपा और यादव कुनबे पर हमलावर रहे हैं। दारा सिंह का इस्तीफा और उसके बाद किए जा रहे हमले अखिलेश यादव के जख्म पर नमक छिड़कने सरीखे हैं।
इसी कारण अखिलेश ने घोसी के सियासी अखाड़े में उतरकर दारा सिंह चौहान का तंबू उखाड़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि आज की चुनावी सभा के दौरान अखिलेश यादव के निशाने पर भाजपा के साथ ही दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर भी विशेष रूप से होंगे। अखिलेश यादव की जनसभा का आयोजन कोपागंज स्थित बापू इंटर कॉलेज में किया गया है। सपा नेताओं की ओर से इस जनसभा की जोरदार तैयारी की गई हैं।
मतभेद भुलाकर दोनों चाचा ने डाला घोसी में डेरा
यादव कुनबा दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर से बदला लेने के लिए किस कदर बेचैन है, इसे इसी से समझा जा सकता है कि अखिलेश यादव के चाचा और सपा के प्रमुख नेता शिवपाल सिंह यादव घोसी विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। उन्होंने पूर्व में दो बार इस इलाके का दौरा करने के बाद यहीं पर डेरा डाल रखा है। अखिलेश के दूसरे चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी ने भी घोसी में ही डेरा डाल रखा है।
जानकारों का कहना है कि शायद यह पहला मौका है जब अखिलेश यादव के दोनों चाचा किसी एक चुनाव क्षेत्र में इतनी सक्रियता के साथ सपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल यादव के बीच हमेशा सियासी तकरार दिखती रही है।
शिवपाल की वजह से ही 2019 के लोकसभा चुनाव में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को हार का सामना करना पड़ा था मगर घोसी के सियासी रण में अखिलेश के दोनों चाचा अपने पुराने मदभेद बुलाकर सपा को जीत दिलाकर भतीजे के सियासी रसूख को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं
राजभर ने लूट लिया पूर्वांचल में बड़ी जीत का श्रेय
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्वाचल में समाजवादी पार्टी ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया था। सपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर गाजीपुर की सातों सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बलिया में सहयोगी दलों के साथ सपा को चार सीटों पर जीत हासिल हुई थी। आजमगढ़ की सभी दसों सीटों पर सपा ने जीत हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखाई थी जबकि मऊ में सपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चार में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी।
बाद में पूर्वांचल में सपा की इस बड़ी जीत का श्रेय ओम प्रकाश राजभर ने लूट लिया था। सुभासपा के मुखिया राजभर का कहना था कि उनकी वजह से सपा को पूर्वांचल में इतनी ज्यादा सीटें मिली हैं। अब अखिलेश यादव को यह बात साबित करनी है कि राजभर के बिना भी पूर्वांचल में उनकी ताकत पहले की तरह ही बनी हुई है।
अब अखिलेश करना चाहते हैं हिसाब बराबर
सपा का साथ छोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद ओपी राजभर लगातार अखिलेश यादव और सपा पर तीखे हमले करने में जुटे हुए हैं। दारा सिंह चौहान ने भी सपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में अखिलेश यादव घोसी विधानसभा सीट जीतकर राजभर और दारा सिंह चौहान को करारा जवाब देना चाहते हैं। अखिलेश अगर यह सीट जीतने में कामयाब रहे तो उन्हें यह कहने का मौका मिलेगा कि राजभर की ओर से किया गया दावा बड़बोलेपन के सिवा कुछ नहीं था।
इस कारण इस बार विधानसभा उपचुनाव में भले ही अखिलेश का मकसद भाजपा पटखनी देना हो मगर उनका असली मकसद दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर को सबक सिखाने का है। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कांग्रेस, रालोद और माकपा तीनों दलों ने समर्थन का ऐलान पहले ही कर दिया है। ऐसे में सपा की जीत विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ताकत दिखाने वाली भी साबित होगी।अब यह देखने वाली बात होगी कि अखिलेश अपनी इस मुहिम में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।