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NDA meeting: चिराग पासवान ने छुए पशुपति पारस के पैर, चाचा ने लगाया गले, NDA की मीटिंग में 'पिक्चर ऑफ़ द डे'
NDA Meeting : पीएम मोदी की अध्यक्षता में NDA वो क्षण भी आया जब चिराग पासवान और पशुपति पारस आमने-सामने हुए। तकरार के बाद आज चाचा-भतीजा का प्यार भी दिखा। दरअसल, चिराग पासवान ने चाचा के पैर छुए तो परिवार के बड़े सदस्य ने भी गले लगा लिया।
NDA Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार (18 जुलाई) को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसे विपक्षी एकता के खिलाफ एनडीए का शक्ति प्रदर्शन माना गया। इस मीटिंग में सबकी निगाहें बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर रही। बैठक में चिराग पहुंचे तो प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ उनसे मिले, बल्कि पीठ थपथपाई और गले लगाया। चिराग पासवान आगे बढे तो उनके सामने चाचा पशुपति कुमार पारस थे। चिराग ने चाचा के पैर छूकर महफिल अपने नाम कर ली।
राजनीतिक उठापटक और पारिवारिक अनबन को दरकिनार करते हुए चिराग पासवान ने शिष्टाचार और बड़ों के सामने नतमस्तक होने का परिचय दिया। अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को देखते ही उनकी और बढे। चाचा पशुपति कुमार के पैर छुए औरआशीर्वाद भी लिया। हालांकि, चाचा पशुपति पारस ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए ना केवल उन्हें उठाया बल्कि गले भी लगाया। इन दोनों नेताओं की मुलाकात पर NDA के सभी नेताओं की निगाहें ठहर गई। अब ये तस्वीरें सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही हैं।
चाचा-भतीजे का मिलना काफी कुछ कह गया
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस आज दोनों NDA की मीटिंग में शामिल होने दिल्ली के अशोका होटल पहुंचे थे। आपको याद दिला दें, दोनों लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में साथ-साथ थे। लेकिन, बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक बाद दोनों में टकराव हुआ और अपनी अलग-अलग पार्टी बना ली। ऐसे में एनडीए के शीर्ष नेताओं की ये कोशिश है कि दोनों को फिर से एक साथ आएं। उनके आने से गठबंधन को मजबूती मिलेगी। मंगलवार को हुई मुलाकात के दौरान चाचा-भतीजे के मिलने की तस्वीर खुद में काफी कुछ बयां कर रही है। इस दौरान पशुपति पारस और चिराग पासवान से मीडिया ने सवाल पूछा तो दोनों ने कहा, वो मेरे परिवार के सदस्य हैं।
बीजेपी की कोशिश एक हों दोनों
दरअसल, बीजेपी के शीर्ष नेता लंबे समय कोशिश में रहे हैं कि, चिराग और पशुपति कुमार पारस एक साथ आएं। उनकी पार्टी में टूट का फायदा बिहार में विपक्षी गठबंधन को मिल रहा है। बीजेपी के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव काफी अहम है, ऐसे में बिहार के दोनों नेताओं का फिर से करीब आना NDA कुनबे के लिए सकारात्मक खबर है।