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दिल्ली अग्निकांड: वो लापरवाही जिसकी वजह से गई दर्जनों की जान
सूत्रो के मुताबिक यह आग सुबह करीब 5 बजकर 15 मिन के आसपास लगी। आग लगने के थोड़ी देर में ही दमकल की 34 गाडियाँ घटनास्थल पर पाहुच गयी थी। आवासीय इलाके में चलाई जा रही फैक्ट्री में आग लगने के समय 50 से अधिक लोग थे।
नई दिल्ली: यहां के अनाजमंडी इलाके में रविवार तड़के लगी भीषण आग में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि संकरी गलियों में स्थित पैकेजिंग और बैग बनाने वाली फैक्ट्री में शार्ट सर्किट होने से आग लगी। दिल्ली पुलिस की माने तो, इनमें से अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है।
सूत्रो के मुताबिक यह आग सुबह करीब 5 बजकर 15 मिन के आसपास लगी। आग लगने के थोड़ी देर में ही दमकल की 34 गाडियाँ घटनास्थल पर पाहुच गयी थी। आवासीय इलाके में चलाई जा रही फैक्ट्री में आग लगने के समय 50 से अधिक लोग थे।
किस चीज़ की थी फ़ैक्टरी ...
फैक्ट्री में बैग बनाने का काम होता था. परिजन अपने लोगों की तलाश में घटनास्थल पर पहुंचे है और अपने अपने लोगों कि खोज कर रहे है। पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर नौजवान थे जिनकी उम्र 20-30 साल तक रही होगी। फैक्ट्री का सिस्टम कुछ ऐसा बनाया गया था कि मजदूर वहीं काम करते थे और रहने-खाने-सोने की व्यवस्था भी वहीं थी। इसीलिए घटना के वक्त ज्यादातर मजदूर वही सो रहे थे और उन्हें आग की जानकारी नहीं मिली।
बाहर से बंद था दरवाजा ...
घटना के बाद मिली जानकारी के मुताबिक जो भी लोगों को बचाया गया है, उनमें ज्यादातर बेहोशी की हालत में थे, कुछ जख्मी भी थे। 500-600 गज के फ्लोर एरिया में यह फैक्ट्री चल रही थी जिसमें ग्राउंड से ऊपर चार मंजिल बनी थी। इसमें कई तरह की फैक्ट्रियां चलती थीं। बिल्डिंग में स्कूल बैग बनाने और पैकिंग का काम होता था।
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फायर सेफ्टी अधिकारी ने मुताबिक, 'जब वो लोग वहाँ पहुंचे तो देखा बिल्डिंग बाहर से लॉक थी, लोहे का दरवाजा था। अंदर से लोग चिल्ला रहे थे बचाओ-बचाओ. हमलोगों ने गेट तोड़ा और अंदर दाखिल हुए। वहां से लोगों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया।' इस बड़ी बिल्डिंग में सीढ़ी एक ही थी। 'हम दरवाजा तोड़कर अंदर गए। वहां जहरीला धुआं काफी भरा हुआ था। इस वजह से ज्यादातर लोग बेहोशी की हालत में बाहर निकाले गए।
एनओसी के बिना चल रही थी फ़ैक्टरी...
जिस इलाके में फैक्ट्री चल रही थी वह रिहायशी इलाका है और फैक्ट्री को एनओसी भी नहीं मिली थी। यहां जितने मजदूर हैं वे वहीं रहते हैं, वहीं काम करते हैं और वहीं सोते हैं। उधर पुलिस ने हादसे वाली बिल्डिंग के मालिक के भाई को गिरफ्तार कर लिया है । अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में काम होता था लेकिन उसे फायर की एनओसी क्यों नहीं दी गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में कहां कौन सी जगह पर किस तरीके की फैक्ट्री या कारोबार चल रहे हैं, उसकी सारी जिम्मेदारी सीधे-सीधे एमसीडी की होती है। दिल्ली नगर निगम न सिर्फ कहीं पर फैक्ट्री या कमर्शियल काम के लिए लाइसेंस और मंजूरी देती है, बल्कि अगर कहीं अवैध तरीके से कोई कामकाज चल रहा है तो उसको सील करने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है।
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एक बात और दिल्ली के दमकल विभाग यानी दिल्ली फायर सर्विस की जिम्मेदारी सभी ऐसी जगह पर जहां पर इस तरीके के निर्माण हैं या कामकाज चल रहे हैं, उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) देने की जिम्मेदारी होती है। समय-समय पर फायर डिपार्टमेंट को ऐसे इलाकों पर नजर भी रखनी होती है जहां अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं और जो आग की संभावनाओं को बढ़ावा दे रही हैं, उनके खिलाफ यह डिपार्टमेंट एक्शन भी ले सकता है। दिल्ली का फायर डिपार्टमेंट दिल्ली सरकार के गृह विभाग के अंदर काम करता है ।
क्या कर रही पुलिस ?
दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी किसी भी किस्म के अवैध उद्योग धंधे या कारखानों पर नजर रखना भी होता है। ऐसे में कई बार वहां के स्थानीय लोग पुलिस से इस बारे में शिकायत करते हैं जिसे अलग-अलग एजेंसियों को संज्ञान में लाना पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है। लिहाजा पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर कारखाने के मालिक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू कर सकती है।