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नेपाल सीमा विवाद पर अपनी ही सरकार से सुब्रमण्यम स्वामी ने पूछे ये सवाल
ये बातें उन्होंने एक ट्वीट के जरिए की है। स्वामी यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने केंद्र सरकार से विदेश नीति को बदलने की मांग कर डाली है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल भी किया कि ऐसा क्या है जिसने नेपाल को भारत के साथ रिश्ते तोड़ने पर मजबूर किया है।
नई दिल्ली: भारत-नेपाल सीमा विवाद पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का ताजा बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि 'भारतीय इलाकों के बारे में नेपाल कैसे सोच सकता है?
उनकी भावनाओं को इस कदर चोट कैसे पहुंची कि वो भारत के साथ रिश्तों को तोड़ना चाहते हैं? क्या यह हमारी विफलता नहीं है? विदेश नीति को फिर से स्थापित किए जाने की जरूरत है।'
ये बातें उन्होंने एक ट्वीट के जरिए की है। स्वामी यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने केंद्र सरकार से विदेश नीति को बदलने की मांग कर डाली है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल भी किया कि ऐसा क्या है जिसने नेपाल को भारत के साथ रिश्ते तोड़ने पर मजबूर किया है।
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बताते चलें कि नेपाल की संसद ने शनिवार को एक विवादित बिल पास किया। जो नेपाल के नए नक्शे को और अधिक मजबूती प्रदान करता है, जिसमें रणनीतिक रूप से तीन भारतीय इलाकों- लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दर्शाया गया है।
इस मामले में भारत की तरफ से कहा गया है कि कृत्रिम विस्तार का यह नेपाली दावा ऐतिहासिक तथ्यों या सबूतों पर आधारित नहीं है। यह सीमा मुद्दे पर बातचीत के लिए हमारी मौजूदा सहमति का उल्लंघन है।
बता दें कि नेपाली संसद में इस बिल को पास होने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता थी, लेकिन प्रतिनिधि सभा में मौजूद सभी 258 सांसदों ने इस बिल के पक्ष में वोट दिया, एक भी वोट विरोध में नहीं पड़ा। जिसके बाद नेपाल के इस बिल को अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा।
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