TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

एमनेस्टी इंडिया ने भारत में रोका अपना कामकाज, सरकार पर लगाए आरोप

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने बताया कि पिछले दो सालों से संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है

Newstrack
Published on: 29 Sept 2020 12:10 PM IST
एमनेस्टी इंडिया ने भारत में रोका अपना कामकाज, सरकार पर लगाए आरोप
X
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने भारत में अपना कामकाज रोक दिया है. एमनेस्टी का आरोप है कि 10 सितंबर 2020 को भारत सरकार ने संस्था के सभी अकाउंट को फ्रीज कर दिया

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने ये आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने 10 सितंबर 2020 को संस्था के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। जिसके चलते एमनेस्टी ने भारत में अपना सारा कामकाज रोक दिया है। ये जानकारी संस्था के की ओर से प्रदान की गई।

ED सहित सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जा रहा उत्पीड़न- एमनेस्टी

इस विषय में पूरी जानकारी देते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने बताया कि पिछले दो सालों से संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और बैंक खातों की फ्रीज करना आकस्मिक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय सहित सरकारी एजेंसियों द्वारा निरंतर उत्पीड़न किया जा रहा है। हाल में हमने दिल्ली हिंसा और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर अपनी आवाज उठाई, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई की।

ये भी पढ़ें- महबूबा मुफ्ती को पार्टी की बैठकों में शामिल होने की अनुमति देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया मना

Amnesty International India एमनेस्टी इंडिया ने भारत में रोका अपना कामकाज (फाइल फोटो)

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कहा गया कि हम सभी भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहे हैं। भारत में मानव अधिकारों के काम के लिए संस्था घरेलू स्तर पर धन जुटाने के एक अलग मॉडल के माध्यम से संचालित होती है। पिछले आठ सालों में चार मिलियन से अधिक भारतीयों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के काम का समर्थन किया है और करीब 100,000 भारतीयों ने वित्तीय योगदान दिया है।

सरकार कर रही आवाज दबाने का प्रयास

Amnesty International India एमनेस्टी इंडिया ने भारत में रोका अपना कामकाज (फाइल फोटो)

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कहा गया कि इन योगदानों का विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के साथ कोई संबंध नहीं हो सकता है। भारत सरकार इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बता रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि मानव अधिकार कार्यकर्ता और संस्थाओं के प्रति कितनी दुर्भावना है।

ये भी पढ़ें- आम आदमी की बढ़ी मुश्किलें: आसमान छूने लगी दाल की कीमतें, इसलिए आई तेजी

कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और अन्य मुखर मानवाधिकार संगठनों, कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों पर हमला दमनकारी नीति को दिखाता है। प्रवर्तन निदेशालय और भारत सरकार द्वारा जानबूझकर भय की स्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि आवाज को दबाया जा सके।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story