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20 लाख करोड़ का पैकेज: अब तक इतने रुपए हुए खर्च, सरकार ने दिया पूरा हिसाब

अब तक नाबार्ड के जरिये कृषि कार्यों के लिए किसानों को 30,000 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। इसके तहत 28 अगस्‍त तक किसानों को 25,000 करोड़ रुपये दिए गए।

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Published on: 13 Sep 2020 10:06 AM GMT
20 लाख करोड़ का पैकेज: अब तक इतने रुपए हुए खर्च, सरकार ने दिया पूरा हिसाब
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नई दिल्‍ली: पूरा देश इस समाज कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। आए दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है। ऐसे में इस महामारी के चलते बने आर्थिक हालातों से संभालने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आम लोगों की मदद के लिए मई 2020 में 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्‍साहन पैकेज की घोषणा की गई। यानी केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए देश के सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) की 10 फीसदी रकम दी। साथ ही सरकार ने अपने 'आत्‍मनिर्भर भारत' अभियान में समाज के हर तबके का सहयोग मांगा। केंद्र ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, सिस्‍टम, वायब्रेंट डेमोग्राफी और उपभोक्‍ता मांग 'आत्‍मनिर्भर भारत' के पांच स्‍तंभ हैं।

नाबार्ड के जरिए किसानों को बांटे गए 30,000 करोड़ रुपये

सरकार द्वार लोगों की मदद के लिए इस आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी। लेकिन विपक्ष आए दिन इस आर्थिक पैकेज पर सवाल उठाता रहता है। और सरकार से इस आर्थिक पैकेज के अंतर्गत खर्च हुए पैसे का हिसाब मांगता रहता है। वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं पर तुरंत अमल करना शुरू कर दिया। केंद्र सरकार ने इस अभियान के तहत किए जाने वाले कामों की निगरानी और नियमित समीक्षा भी शुरू कर दी। आज सरकार ने ये भी बताया कि इस पैकेज में कितने रुपए कहां कैसे खर्च किए गए।

Nabard 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का हिसाब (फाइल फोटो)

सरकार ने पूरा हिसाब रखा है। अब तक नाबार्ड के जरिये कृषि कार्यों के लिए किसानों को 30,000 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। इसके तहत 28 अगस्‍त तक किसानों को 25,000 करोड़ रुपये दिए गए। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने छोटी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (NBFCs) और माइक्रो फाइनेंस इंस्‍टीट्यूशंस (MFIs) के लिए नाबार्ड को 5,000 करोड़ रुपये दिए। नाबार्ड इसे जल्‍द से जल्‍द लागू करने के लिए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे रहा है।

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इसके अलावा नाबार्ड ने दो एजेंसियों और बैंकों के साथ मिलकर एबीएफसी और एमएफआई को लोन देने के लिए स्‍ट्रक्‍चर्ड फाइनेंस एंड पार्शियल गारंटी स्‍कीम शुरू कर दी है। इससे इस सेक्‍टर की छोटी कंपनियों को बड़ा फायदा मिला है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के लिए ये योजना बेहतरीन साबित होगी। पैकेज के तहत एनबीएफसी, एमएफआई और एचएफसी को आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्‍ध कराने के लिए दिए गए 45,000 करोड़ रुपये में से 28 अगस्‍त तक बैंकों ने 25,055.50 करोड़ रुपये के आवेदनों को मंजूरी दे दी है।

आम करदाताओं को दी राहत

Financial Package 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का हिसाब (फाइल फोटो)

वित्त मंत्रालय की ओर से ये भी बताया गया कि एनबीएफसी, एमएफआई और एचएफसी के लिए शुरू की गई 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम काफी अच्छी चल रही है। पूरी जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि 11 सितंबर तक 10,590 करोड़ रुपये के 37 प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, 6 आवेदन अभी विचाराधीन हैं, जो करीब 783.5 करोड़ रुपयों के हैं। वहीं वित्त मंत्रालय ने बताया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों और टॉप-23 निजी बैंकों ने भी कुछ आंकड़े दिए हैं। इन बैंकों के अनुसार 10 सितंबर तक 42,01,576 लोगों को 1,63,226.49 करोड़ रुपयों का अतिरिक्त क्रेडिट देने को मंजूरी दी गई है।

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वहीं 1,18,138.64 करोड़ रुपये 25,01,999 कर्जदारों के खातों में डाल भी दिए गए हैं। आम करदाता को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने 1 अगस्‍त से 8 सितंबर 2020 के बीच 27.55 लाख टैक्‍सपेयर्स को 1,01,308 करोड़ रुपये का इनकम टैक्‍स रिफंड किया जा चुका है। इसमें से 30,768 करोड़ रुपये का रिफंड 25,83,507 मामलों में किया गया है। वहीं, कॉरपोरेट टैक्‍स रिफंड के तौर पर 70,540 करोड़ रुपये 1,71,155 मामलों में जारी किए गए। असल में सभी मामलों में 50 करोड़ रुपये तक के कॉरपोरेट टैक्‍स रिफंड जारी कर दिए गए।

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