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बिहार चुनाव से पहले दिल्ली में दिलचस्प मुकाबला, सूबे के दो दलों में टक्कर
सियासी जानकारों का कहना है कि यह लड़ाई इसलिए काफी दिलचस्प हो गई है क्योंकि मुकाबला बिहार के दो प्रमुख सियासी दलों के उम्मीदवारों के बीच हो रहा है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो रही है और सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा में उपसभापति पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मुकाबला होगा। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उपसभापति पद पर हो रहा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। क्योंकि मुकाबला बिहार के दो प्रमुख दलों जदयू और राजद के बीच होगा। एनडीए की ओर से उपसभापति पद पर जदयू सांसद हरिवंश को मैदान में उतारा गया है जबकि विपक्ष की ओर से राजद सांसद मनोज झा उन्हें चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।
मुकाबला इसलिए हो गया है दिलचस्प
सियासी जानकारों का कहना है कि यह लड़ाई इसलिए काफी दिलचस्प हो गई है क्योंकि मुकाबला बिहार के दो प्रमुख सियासी दलों के उम्मीदवारों के बीच हो रहा है। बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
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राज्यसभा उपसभापति चुनाव (फाइल फोटो)
जहां जदयू और राजद के बीच कड़े मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। विधानसभा चुनाव की तरह ही राज्यसभा के उपसभापति पद पर ही कड़ा मुकाबला हो रहा है। वैसे एनडीए के उम्मीदवार जदयू सांसद हरिवंश की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
डीएमके सांसद ने कर दिया था इनकार
राज्यसभा उपसभापति चुनाव (फाइल फोटो)
विपक्ष की ओर से पहले द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद तिरुचि शिवा को उतारे जाने की चर्चा थी। मगर तमिलनाडु के इस सांसद ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद मनोज झा को उपसभापति पद के लिए मैदान में उतारने का फैसला किया गया।
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पहली बार सांसद बने मनोज झा अपने बेबाक अंदाज और वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं। माना जा रहा है कि मनोज झा को मैदान में उतारकर राजद ने बिहार के मैथिल ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है।
कांग्रेस को हराकर जीते थे हरिवंश
राज्यसभा उपसभापति चुनाव (फाइल फोटो)
जदयू सांसद हरिवंश का राज्यसभा उपसभापति के रूप में कार्यकाल अप्रैल में ही समाप्त हो गया था। हरिवंश को अगस्त 2018 में कांग्रेस नेता पीजे कुरियन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उपसभापति चुना गया था।
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हरिवंश एक बार फिर चुनाव जीतकर राज्यसभा पहुंच चुके हैं। हरिवंश ने उपसभापति पद का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को हराकर जीता था। चुनाव में हरिवंश को 125 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार हरिप्रसाद 105 वोट ही पा सके थे।
हरिवंश की स्थिति मजबूत
राज्यसभा उपसभापति चुनाव (फाइल फोटो)
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं और एनडीए के पास 116 सांसदों की ताकत है। इसके साथ ही बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति सहित अन्य दलों का समर्थन भी एनडीए को मिलने की संभावना जताई जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरिवंश की जीत सुनिश्चित करने के लिए कुछ क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों से बातचीत भी की है।
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सियासी जानकारों के अनुसार नीतीश कुमार ने हाल में बीजू जनता दल के मुखिया और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से टेलीफोन पर बातचीत की और हरिवंश को समर्थन देने का आग्रह किया। क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने की संभावना से हरिवंश की स्थिति ज्यादा मजबूत मानी जा रही है।
मनोज झा के लिए सक्रिय है विपक्ष
राज्यसभा उपसभापति चुनाव (फाइल फोटो)
उधर विपक्ष भी मनोज झा को चुनाव जिताने के लिए सक्रिय है। मनोज झा को कांग्रेस सहित कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। मनोज झा को समर्थन देने के लिए गैर राजग क्षेत्रीय दलों से भी संपर्क स्थापित किया गया है।
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ऐसे दलों से भी संपर्क साधा गया है जो राज्य की सियासत में भाजपा से टक्कर ले रहे हैं। कुल मिलाकर उपसभापति पद के लिए लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में सक्रिय दो प्रमुख दलों की इस दिलचस्प लड़ाई पर हर किसी की नजर टिकी हुई है।