×

'निहंग' पहले भी कर चुके हैं पुलिस पर हमला, इनके इतिहास के बारें में जान चौंक जाएंगे

इसमें सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा पुलिस के साथ मारपीट करने, गायों को स्‍कूल और सरकारी प्रतिष्‍ठानों में छोड़ने जैसे मामले शामिल हैं। लेकिन हर बार पुलिस निहंगों पर कड़ी कार्रवाई करने चूक जाती है। इसके पीछे कारण जो भी हों।

Aditya Mishra
Published on: 12 April 2020 11:39 AM GMT
निहंग पहले भी कर चुके हैं पुलिस पर हमला, इनके इतिहास के बारें में जान चौंक जाएंगे
X
प्रतीकात्मक तस्वीर

दुर्गेश पार्थसारथी, अमृतसर

निहंगों द्वारा पटियाला में उत्‍पात मचाने और पुलिस पर हमला कर उन्‍हें जख्‍मी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले निहंग उत्‍पात मचाते रहे हैं।

इसमें सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा पुलिस के साथ मारपीट करने, गायों को स्‍कूल और सरकारी प्रतिष्‍ठानों में छोड़ने जैसे मामले शामिल हैं। लेकिन हर बार पुलिस निहंगों पर कड़ी कार्रवाई करने चूक जाती है। इसके पीछे कारण जो भी हों।

हैरान करने वाली है घटना

कोरोना वायरस के बचाव के लिए पंजाब सरकार ने एहतियात के तौर पर राज्‍य में कर्फ्यू लगा रखा है। ऐसे में निहंग सिहों का कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पुलिस पर जानलेवा हमला करना वाकई में चौंकाने वाला है।

इससे भी बड़ी बात श्री गुरुद्वारा साहिब के अंदर से अवैध हथियार, पेट्रोल, भांग और नगदी बरामद होना है। यह कहीं न कहीं प्रदेश के पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े करते हैं।

ये भी पढ़ें...जानिए राम मंदिर और करतारपुर गुरुद्वारा साहिब में क्या है कनेक्शन

12 मार्च को भी पुलिस पर किया था हमला

इसी साल 12 मार्च को भी कपूरथला जिले में भी निहंगों और पुलिस से पहले हाथापाई हुई। इसके बाद निहंगों पर पुलिस पर हमला कर दिया था।

जिले के सुल्‍तानपुर लोधी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के सामने सिंह साहिब 96 करोड़ी नवाब कपूर सिंह जत्थेदार बुड्ढा दल पांचवां तख्त चक्रवर्ती के गुरुद्वारा अकाल बुंगा में बने डेरे में अवैध हथियार होने की सूचना पर पुलिस वहां सर्च करने गई थी।

इस दौरान निहंगों के हमले में थाना फत्तूढींगा के एएसआइ कुलदीप सिंह गंभीर जख्मी हो गए जबकि, एक अन्य एएसआइ को भी मामूली चोटें आई है। इस संबंध में पुलिस ने 23 निहंगों के खिलाफ केस दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर लिया है।

हांलांकि बाबा बुड्ढ़ा दल के जत्थेदार सिंह साहिब बाबा मान सिंह के साथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने कांफ्रेंस के दौरान सुल्तानपुर लोधी पुलिस पर विरोधी गुट को कब्‍जा दिवलाने का आरोप लगाया था।

पीआरटीसी के कंडक्‍टर पर किया था हमला

वर्ष 2018 में इस तरह का एक मामला सामने आया था। पीआरटीसी (पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉरोपोरेशन) की बस में अजनाला से अमृतसर आते समय निहंगों ने बस कंडक्‍टर पर हमला कर उसे जख्‍मी कर दिया था।

इस बस में कुछ निहंग बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। कंडक्‍टर ने जब उनसे टिकट लेने की बात कही तो गुस्‍साए निहंगों ने तलवार से उसपर हमला कर जख्‍मी कर दिया था।

भीड़ ने पुलिस पर तलवार से किया हमला, SI का हाथ कटकर गिरा, बुलाई गई फोर्स

आतंकवाद के दौर में पुलिस पर किया था हमला

इसके पहले भी जब पंजाब आतंकवाद की आग में झुलस रहा था। उस समय भी निहंगों और पुलिस में छिटपुट झड़प हो ही जाती थी। हलांकि पटियाला कि घटना इससे बिलकुल अलग है। जानकारों का कहना है निहंग थोड़ा उग्र स्‍वभाव के होते हैं। इस लिए उन्‍हें पुलिस पर हमला कर दिया होगा।

जांच का विषय हो सकता है यह मामला

हालांकि पुलिस पर निहंगों द्वारा किए गए हमले के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में गुरुद्वारा साहिब के अंदर से भारी मात्रा में अवैध हथियार, केमिकल जैसा तरल पदार्थ और तीस लाख से अधिक की नगदी बरामद होना जांचा का विषय हो सकता है।

बता दें कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्‍तान के ईशारे पर कुछ अलगाव वादी सिख संगठनों को गिरफ्तार किया गया था।

आपस में भी टकराते रहे हैं निहंग

गर्म ख्‍याली के तौर पर जानेजाते निहंगों का आपस में भी टकराव होता रहता है। अक्टूबर 2014 में बंदी छोड़ दिवस के दिन अमृतसर के रेलवे बी ब्लॉक की ग्राउंड में लुधियाना के दो निहंग सिंह संगठनों के बीच टकराव हो गया।

जिस समय यह घटना हुई उस समय परंपरागत ढंग से निहंग सिंहों की तरफ से महल्ला निकाला जा रहा था तभी तरना दल शहीद बाबा जीवन सिंह डेरा ताजपुर रोड (लुधियाना) व दशमेश तरना दल गुरुद्वारा बाबा जीवन सिंह सलेम टाबरी (लुधियाना) के बीच पहले तलवारें चलीं और बाद में गोलियां। इससे वहा मौजूद हजारों लोगों में भगदड़ मची। दोनों गुटों के मुखी के सुरक्षा में तैनात पुलिस भाग खड़ी हुई। इस घटना में छह लोग घायल हो गए थे।

निहंग सिंहों का धार्मिक इतिहास

निहंग से अभिप्राय है ऐसे सिख से है जो पूर्ण रूप से दसम गुरु के आदेशों के लिए हर समय तत्पर रहते हैं और प्रेरणाओं से ओतप्रोत होते हैं। यह दसम गुरु के काल में यह सिख गुरु साहिबानों के प्रबल प्रहरी होते थे।

निहंग सिंह गुरु महाराजों द्वारा रची गई रचना साहिब और गुरु ग्रंथ साहिब के प्रहरी होते हैं। ये "सिख" और "गुरु ग्रंथ साहिब" की रक्षा आखरी सांस तक करते हैं । निहंग सिंह पूरी तरह सिख धर्म के लिए समर्पित होते हैं।

निहंगों को उनके आक्रामक व्यक्तित्व के लिए भी जाना जाता है। निहंग सिंहों के धर्म चिन्ह आम सिखों की अपेक्षा मज़बूत और बड़े होते हैं और जन्म से लेकर जीवन के अंत तक सिख धर्म के जितने भी संस्कार होते हैं उन्‍हें मर्यादानुसार निर्वहन करते हैं।

1708 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को गुरिआई बख्‍शकर पंथ को सदिवी तौर पर शबद गुरु सिद्धांत के साथ जोड़ा।

साथ ही कुछ संगठनों की स्‍थापना भी की। इन जत्‍थेबंदियों में से एक सिमौर संगठन है निहंग सिखों की जिसे गुरु की लाडली फोज भी कहा जाता है। जानकारों के मुताबिक निहंग शब्‍द फारसी से लिया गया है।

निहंगों में हैं दो दल

कहा जाता है कि निहंग सिंहों में दो दल है। एक बाबा बुड्ढा और दूसरा तरना दल। इसमें तरना दल को गर्म ख्‍याली दल माना जाता है। इस दल के आगे कई छोटे-छोटे दल भी हैं।

गरुद्वारा प्रबंधन का कार्यभार देखने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से इस दल का कोई संबंध नहीं होता। निहंगों को अकाली भी कहा जाता है और वे श्री अकालतख्‍त के पुजारी होते हैं।

पंजाबः पटियाला में निहंगों ने पुलिसकर्मी और मंडी बोर्ड के अधिकारी पर किया हमला

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story