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LAC पर भयानक मिसाइल: चीन का सर्वनाश शुरू, सीमा पर जंग में हारेगा ड्रैगन

लद्दाख सीमा लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच अब भारत चीन के सामना करने के लिए बिल्कुल तैयार है। भारत की सैन्य ताकत मजबूती देखते हुए चीन बौखला उठा है।

Newstrack
Published on: 28 Sept 2020 6:38 PM IST
LAC पर भयानक मिसाइल: चीन का सर्वनाश शुरू, सीमा पर जंग में हारेगा ड्रैगन
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लद्दाख सीमा लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच अब भारत चीन के सामना करने के लिए बिल्कुल तैयार है। भारत की सैन्य ताकत मजबूती देखते हुए चीन बौखला उठा है।

नई दिल्ली। लद्दाख सीमा लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच अब भारत चीन के सामना करने के लिए बिल्कुल तैयार है। भारत की सैन्य ताकत मजबूती देखते हुए चीन बौखला उठा है। ऐसे में भारत ने सीमा पर निर्भय क्रूज मिसाइल को भी तैनात कर दिया है। जिसके चीन की हालत खराब हो गई है। निर्भय क्रुज मिसाइल 1000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। ये निर्भय मिसाइल तिब्बत सीमा में चीन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है।

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अचूक मार करने में सक्षम

बीते करीब 5 महीने से ज्यादा समय निकल चुका है, लेकिन भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति अभी भी जैसी की तैसी बनी हुई है। ऐसे में कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई हैं। इन स्थितियों में भारत ने सीमा पर अपनी सबसे भरोसेमंद मिसाइल को तैनात किया है। इस मिसाइल की रेंज 1000 किमी है।

सीमा पर तैनात इस मिसाइल की क्षमता अमेरिका की प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है। दुश्मन का खात्मा करने वाले ये मिसाइल बिना भटके अपने निशाने पर अचूक मार करने में सक्षम है। निर्भय क्रूज मिसाइल को भारत में ही डिजाइन और तैयार किया गया है।

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Nirbhay cruise missile फोटो-सोशल मीडिया

रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती

क्रुज मिसाइल का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 में किया गया था। निर्भय दो चरण वाली मिसाइल है, पहली बार में लबंवत दूसरे चरण में क्षैतिज है। ये पारंपरिक रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती है फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेती है।

साथ ही इस मिसाइल को 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी बनाया गया है। यह मिसाइल 0.6 से लेकर 0.7 मैक की गति से उड़ सकती है, इसका वजन अधिकतम 1500 किलोग्राम है जो 1000 किलोमीटर तक मार कर सकती है, एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा बनाई गई ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर का प्रयोग किया गया है जिससे मिसाइल को ईंधन मिलता है।

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