TRENDING TAGS :
फिर टलेगी निर्भया के दोषियों की फांसी! वकील ने खेला ये नया पैंतरा
बता दें कि एपी सिंह ने इलेक्शन कमीशन में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि 'दया याचिका खारिज करने की जो सिफारिश दिल्ली सरकार ने की थी, उस समय वह (मनीष सिसोदिया) ना तो विधायक थे, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू थी।
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और मर्डर के दोषियों को 3 मार्च को फांसी होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है। लेकिन अब एक बार फिर फांसी पर संकट के बाद दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, निर्भया के दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने अब चुनाव आयोग का रुख किया है। गुरुवार को एक याचिका में कहा है कि जिस वक्त विनय की अर्जी खारिज करने की सिफारिश की गई थी, उस वक्त दिल्ली में आचार संहिता लागू थी।
ये भी पढ़ें—मोबाईल लवर्स के लिए गुड न्यूज़: Flipkart पर चल रही है Mobile Bonanza की महा सेल
बता दें कि एपी सिंह ने इलेक्शन कमीशन में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि 'दया याचिका खारिज करने की जो सिफारिश दिल्ली सरकार ने की थी, उस समय वह (मनीष सिसोदिया) ना तो विधायक थे, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू थी। 8 फरवरी को दिल्ली में इलेक्शन थे। ना ही वह दिल्ली सरकार के गृह मंत्री के पोर्टफोलियो पर थे। ना ही वह उस पद का उपयोग कर सकते थे।
व्हाट्सऐप के स्क्रीनशॉट से लगाई दस्तखत
एपी सिंह ने दावा किया कि 'दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने की चिट्ठी में पर दस्तखत व्हाट्सऐप के स्क्रीनशॉट से लगाई गई, ऐसा जल्दबाजी में किया गया। बता दें दिल्ली सरकार में गृहमंत्री मनीष सिसोदिया थे और उन्हीं के दस्तखत से विनय की दया याचिका खारिज करने संबंधी सिफारिश, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेजी गई थी।
ये भी पढ़ें—सावधान हो जाएं: ये काम पहुंचाएगा जेल, 10 लाख का लगेगा जुर्माना
एपी सिंह ने दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने का विरोध किया है। गौरतलब है कि 1 फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज की गई थी। इससे पहले विनय ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि 'जेल में ‘कथित यातनाओं और दुर्व्यवहार’ की वजह से वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गया है। हालांकि उसकी यह याचिका खारिज कर दी गई थी।