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Nithari Kand: क्या है बहुचर्चित निठारी हत्याकांड ? कोर्ट से बरी हुए सुरेंद्र कोली और पंढ़ेर पर क्या थे आरोप
Nithari Kand: पुलिस को उसकी कोठी के पीछे से बह रह नाले से 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। मानव अंगों को 40 पैकेट में भरकर नाले में फेंका गया था।
Nithari Kand: बहुचर्चित निठारी कांड 2005 से 2006 के बीच हुआ था। इस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पूरा मामला पहली बार तब खुला जब दिसंबर 2006 को एक युवती की गुमशुदगी के मामले की जांच कर रही पुलिस मनिंदर सिंह पंढ़ेर के घर पहुंची। पुलिस को उसकी कोठी के पीछे से बह रह नाले से 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। मानव अंगों को 40 पैकेट में भरकर नाले में फेंका गया था।
दरअसल, पंढ़ेर ने 7 मई 2006 को एक युवती पायल को नौकरी दिलाने के बहाने घर बुलाया था। युवती पंढेर के कोठी में रिक्शे से आई थी। उसने रिक्शेवाले को कोठी के बाहर रोका और वापस आकर पैसे देने की बात कही थी। काफी दर बाद जब वो वापस नहीं लौटी तो रिक्शेवाला पैसे लेने के लिए कोठी का गेट खटखटाया। इस पर सुरेंद्र कोली ने उसे बताया कि पायल काफी पहले जा चुकी है।
रिक्शेवाले का कहना था कि वो तो कोठी के सामने ही था, पायल बाहर नहीं निकली। काफी वक्त बीत जाने के बाद पायल जब वापस अपने घर नहीं लौटी, तो परिजन परेशान हुए और उन्होंने तलाश शुरू कर दी। पायल के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। पुलिस कोठी तक पायल के मोबाइल फोन के जरिए पहुंची, जो घटना के बाद से ही बंद आ रहा था। कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस ने जब कोठी पर छापा मारा तो उसे वहां से कई मानव अवशेष मिले। इसके बाद मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया।
कोली और पंढ़ेर पर क्या थे आरोप
सीबीआई ने निठारी कांड की जांच करते हुए कुल 16 मामले दर्ज किए थे। जांच एजेंसी ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, रेप और सबूत मिटाने के मामले में आरोपी बनाया था। वहीं, मनिंदर सिंह पंढ़ेर को मानव तस्करी केस में आरोपी बनाया गया था। सीबीआई ने 2007 में सभी मामलों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
2004 से कोली और पंढ़ेर रह रहे थे साथ
सुरेंद्र कोली जहां उत्तराखंड के अल्मोड़ा का रहने वाला है, वहीं मनिंदर सिंह पंढ़ेर पंजाब का रहने वाला है। खबरों के मुताबिक, कोली साल 2000 में काम की तलाश में दिल्ली आया था। उसे एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम मिल गया था। साल 2003 में वह पंढ़ेर के संपर्क में आया और बाद में उसके कहने पर नोएडा के निठारी स्थित कोठी पर काम करने लगा।
साल 2004 में जब पंढ़ेर का परिवार पंजाब चला गया तो दोनों कोठी में अकेले रहने लगे। बताया जाता है कि पंढ़ेर की कोठी पर अक्सर कॉल गर्ल्स आया करती थीं। इसलिए वह कोठी के दरवाजे पर नजर रखता था कि कोई जान पहचान का अंदर न आ जाए।
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धीरे-धीरे मानसिक रूप से बीमार हो गया था कोली
सुरेंद्र कोली धीरे – धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी की चपेट में आ गया और वह बच्चों के प्रति आकर्षित होने लगा था। आरोप है कि कोठी के सामने से गुजरने वाले बच्चों को वह पकड़ लेता था और फिर उसका रेप कर उसकी हत्या कर देता था। निठारी गांव के लोग तो यहां तक कहते थे कि वह बच्चों को मार कर उसके अंग निकाल लेता था और फिर उसकी तस्करी करता था। बता दें कि सुरेंद्र कोली फिलहाल जेल में है