×

बड़ी खुशखबरी: अब इस वर्ग को भी मिलेगा आयुष्मान योजना का फायदा

निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवार के लिए एक राहत देने वाली खबर आ रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवार के सदस्यों को भी आयुष्मान योजना का लाभ मिल सकता है।

Roshni Khan
Published on: 19 Nov 2019 8:54 AM GMT
बड़ी खुशखबरी: अब इस वर्ग को भी मिलेगा आयुष्मान योजना का फायदा
X

नई दिल्ली: निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवार के लिए एक राहत देने वाली खबर आ रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवार के सदस्यों को भी आयुष्मान योजना का लाभ मिल सकता है। वैसे तो, इसके लिए उन्हें हर महीने कुछ निश्चित रकम अदा करनी पड़ सकती है। इसके साथ ही कुछ और अभिनव विकल्प सामने आए हैं, जिससे समाज के हर तबके के लोगों को किसी भी बीमारी में निश्चित इलाज की गारंटी मिल सकती है।

ये भी देखें:शहीदों की धरती है मेवात, एक ही गांव के सैकड़ों लोग उतरे थे मौत के घाट

कुछ इसी तरह का खाका सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट 'हेल्थ सिस्टम फॉर ए न्यू इंडिया : बिल्डिंग ब्लॉक्स' में खींचा है। इसे 18 नवंबर सोमवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और माइक्रोसाफ्ट के सह संस्थापक तथा बिल और मेलिंडा गेट्स फांउडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स ने जारी किया। नीति आयोग ने इसे करीब डेढ़ साल की मेहनत के बाद तैयार किया है।

राजीव कुमार ने बताया कि रिपोर्ट में भविष्य की स्वास्थ्य प्रणाली के पांच फोकस क्षेत्रों की पहचान की है। इससे समाज के सभी वर्गों को उचित शुल्क में निश्चित स्वास्थ्य सुविधा की गारंटी मिलेगी तो स्वास्थ्य सेवा में अधिक से अधिक डिजिटल उपयोग होने से पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

स्वास्थ्य सेवाएं लेने वाले भी हों संगठित

नीति आयोग की योजना है कि जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले संगठित हैं, उस तरह से स्वास्थ्य सेवा लेने वाले भी संगठित हों ताकि अस्पताल किसी भी इलाज या जांच-परीक्षण के लिए अनाप-शनाप शुल्क न ले पाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले तो संगठित हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा लेने वाले बिल्कुल असंगठित हैं।

ये भी देखें:कैबिनेट मीटिंग के दौरान मंत्रियों के साथ बातचीत करते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा कि लाखों लोग रोज अस्पताल में इलाज कराते हैं लेकिन उनसे अस्पताल वाले या जांच करने वाली प्रयोगशाला शुल्क की मांग करते हैं, चुकाना पड़ता है। कल्पना करें कि जब वे आयुष्मान योजना की तरह किसी एक योजना की छांव के तले आ जाएंगे तो अस्पतालों की मनमानी नहीं चलेगी।

नीति आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में देश की आबादी का महज 0.45 फीसदी हिस्सा है, लेकिन उनसे जांच करने वाली प्रयोगशाला सामान्य व्यक्ति के मुकाबले काफी कम शुल्क लेती हैं। जब लोग इकट्ठा होंगे, एक छतरी के नीचे आएंगे तो उनकी मनमानी रुकेगी। हो सकता है कि इसके लिए मध्यम वर्ग के लोगों को हर महीने कुछ राशि भी देनी पड़े।

मजबूत रणनीतिक क्षमताओं के साथ जोड़ा जाए खर्च

नीति आयोग ने इसके लिए कुछ सिफारिश भी की है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य प्रणाली के वित्तपोषण ढांचे को इस तरह से बदला जाना चाहिए ताकि प्रमुख अवांछनीय छोटे खर्च कम हो। साथ ही खर्च को मजबूत रणनीतिक खरीद क्षमताओं के साथ जोड़ा जाए।

इसमें कर्नाटक सरकार द्वारा साल 2010 में शुरू किए गए सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं पर जोर दिया है। कर्नाटक ने अपने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए पड़ोसी राज्यों के अस्पतालों को भी इम्पैनल किया है।

ये भी देखें:महाराष्ट्र में सियासी संकट: PM मोदी के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान

आपको बता दें, यही नहीं, अब कर्नाटक सभी योजनाओं को एक ही छतरी के नीचे लाने पर भी विचार कर रहा है। इसमें मेघालय में उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जिक्र किया गया है।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story