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एनआरसी पर सोनिया के घर हुई बैठक, कांग्रेस ने रखी ये दो बड़ी मांगे

कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है।  इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल रहे।

Aditya Mishra
Published on: 31 Aug 2019 6:53 PM IST
एनआरसी पर सोनिया के घर हुई बैठक, कांग्रेस ने रखी ये दो बड़ी मांगे
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नई दिल्ली: असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है। इसमें 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को नागरिक माना गया है। जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई।

इसके लिए कुल 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने आवेदन किया था। एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक हुई।

कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल रहे।

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बैठक के बाद लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एनआरसी की लिस्ट पर कोई भी जेनविन सिटीजन को ना निकाला जाए और सबको सुरक्षा दी जाए। हमारी यही दो मांगे हैं।

बाकी मीटिंग मे मुद्दे पर लम्बी बातचीत हुई है। आगे इन्तज़ार कीजिये। असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है।

एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था।

इनमे से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट पर देख सकते हैं।

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सूची में शामिल लोगों की सूची कार्यालयों में उपलब्ध

बयान में कहा गया कि सुबह 10 बजे अंतिम सूची प्रकाशित की गई। शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग कामकाज के घंटों के दौरान देख सकते हैं।

इस सूची से असंतुष्ट लोग 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं। असम सरकार ने पहले कहा था जिन लोगों को एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे।

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Aditya Mishra

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