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ओड़िशा के कलाकार का कमाल, सेना दिवस पर माचिस की तीलियों से बनाया टैंक

एक मीडिया से बातचीत करते हुए शाश्वत रंजन साहू ने कहा, “इसे बनाने में मुझे 6 दिन लगे। इसमें 2,256 माचिस की तीलियों का उपयोग किया गया है। मैंने इसे भारतीय सेना का अभिनंदन करने के लिए बनाया है।"

Chitra Singh
Published on: 15 Jan 2021 7:02 AM GMT
ओड़िशा के कलाकार का कमाल, सेना दिवस पर माचिस की तीलियों से बनाया टैंक
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ओड़िशा के कलाकार का कमाल, सेना दिवस पर माचिस की तीलियों से बनाया टैंक

पुरी: 15 जनवरी यानी आज ही के दिन हमारी भारतीय सेना को ब्रिटिश थल सेना से पूरी तरह से आजादी मिली थी। इस आजादी के बाद से ही प्रत्येक 15 जनवरी को देश में सेना दिवस के रूप मनाया जाता है। इस मौके पर भारतीय सेना के वीर सपूतों को सम्मानित किया जाता है। सेना दिवस के अवसर पर एक ओड़िशा के कलाकार ने माचिस के तीलियों का भारतीय सेना का एक टैंक तैयार किया है। इस टैंक को पूरी तरह से तैयार करने के बाद युवक ने उस पर भारतीय झंडा भी फहराया है। तो चलिए जानते है इस माचिस के तीलियों से टैंक तैयार करने वाले कलाकार का क्या कहना है...

2,256 माचिस की तीलियों से बनाया टैंक

माचिस के तीलियों से भारतीय सेना का टैंक तैयार करने वाले इस कलाकार का नाम शाश्वत रंजन साहू है। यह उड़ीसा के पुरी में रहते है। एक मीडिया से बातचीत करते हुए शाश्वत रंजन साहू ने कहा, “इसे बनाने में मुझे 6 दिन लगे। इसमें 2,256 माचिस की तीलियों का उपयोग किया गया है। मैंने इसे भारतीय सेना का अभिनंदन करने के लिए बनाया है। इसकी ऊंचाई 9 इंच और चौड़ाई 8 इंच है।”

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असली नायकों को श्रद्धांजलि- साहू

शाश्वत रंजन साहू ने आगे कहा, “मैंने इस टैंक को हमारे असली नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया है, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। इस मॉडल को बनाकर, मैं भारतीय सेना को अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

Matchsticks

भारत के पहले सेना प्रमुख

बताते चलें कि 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना पूरी तरह से ब्रिटिश थल सेना से आजाद हुई थी। आजादी मिलते ही भारतीय थल सेना के खेमे में जनरल केएम करिअप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया। इस तरह वे लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। जानकारी के लिए बता दें कि केएम करिअप्पा को ‘किप्पर’ नाम से भी जाना जाता है।

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