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पिछले वित्त वर्ष में देश का ऑयलमील निर्यात 31 प्रतिशत बढ़ा
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में 4,762 करोड़ रुपये का ऑयलमील निर्यात हुआ था। मात्रा के संदर्भ में 2018-19 में ऑयलमील निर्यात छह प्रतिशत बढ़कर 32 लाख टन पर पहुंच गया। इस दौरान रेपसीड मील (सरसों मील) का निर्यात 6,63,988 टन से बढ़कर 10,51,869 टन पर पहुंच गया।
नई दिल्ली: मात्रा बढ़ने तथा अधिक कीमत मिलने के कारण पिछले वित्त वर्ष में देश का ऑयलमील निर्यात 31 प्रतिशत बढ़कर 6,222 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उद्योग जगत के आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है।
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सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में 4,762 करोड़ रुपये का ऑयलमील निर्यात हुआ था। मात्रा के संदर्भ में 2018-19 में ऑयलमील निर्यात छह प्रतिशत बढ़कर 32 लाख टन पर पहुंच गया। इस दौरान रेपसीड मील (सरसों मील) का निर्यात 6,63,988 टन से बढ़कर 10,51,869 टन पर पहुंच गया। रेपसीड मील मुख्यतौर पर दक्षिण कोरिया, वियतनाम और थाईलैंड को निर्यात किया जाता है।
सोयाबीन मील का निर्यात भी इस दौरान 11,87,818 टन से बढ़कर 13,37,215 टन पर पहुंच गया।
हालांकि आलोच्य अवधि के दौरान चावल छिलका मील का निर्यात गिरकर 4,40,927 टन पर और अरंडी मील का निर्यात कम होकर 3,67,084 टन पर आ गया।
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इस दौरान वियतनाम ने 6,15,403 टन, दक्षिण कोरिया ने 7,38,795 टन, थाईलैंड ने 3,02,619 टन, ताईवान ने 1,19,794 टन और ईरान ने 5,08,050 टन भारतीय ऑयलमील आयात किया।
भारतीय सोयाबीन मील के लिये ईरान का बाजार फिर से खुल गया है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईरान ने भारत से पांच लाख टन से अधिक सोयाबीन मील का निर्यात किया।
(भाषा)