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फारूक-उमर की रिहाई पर बोलीं महबूबा, महिलाओं से डरती है सरकार
पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है। जबकि पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती अब भी नजरबंद हैं...
नई दिल्ली: अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया था। इस फैसले की जानकारी देने से पहले ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत दूसरे नेताओं और अलगावादी नेताओं को कर लिया गया था। वहीँ इन बड़े नेताओं में से पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है। जबकि पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती अब भी नजरबंद हैं।
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24 मार्च को उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया-
बता दें कि कल यानि 24 मार्च को उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया है। उमर को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के ऐलान से ठीक पहले देर रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी लगा दिया गया था। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के लिए याचिका लगाई थी। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि वो बताएं रिहा कर रहे हैं या नहीं, वरना हम इस पर सुनवाई करेंगे। हालांकि सुनवाई से पहले ही उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है।
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वहीँ इससे पहले उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला को भी इसी महीने रिहा कर दिया गया। लेकिन महबूबा मुफ्ती अब भी नजरबंद हैं। उन्हें भी इन दोनों नेताओं के साथ ही हिरासत में लिया गया था। उमर अब्दुल्ला की रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि अच्छा लगा उमर अब्दुल्ला रिहा हो रहे हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि नारी शक्ति और महिला उत्थान की बात तो होता है, लेकिन लगता है ये सरकार सबसे ज्यादा महिलाओं से ही घबराती है।
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