चिदंबरम ने माना अगले 5 साल में अर्थव्यवस्था होगी 5000 अरब डालर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि 2019-20 के आम बजट में कठोर तथा ढांचागत सुधारों की कमी है तथा देश की तीव्र आर्थिक प्रगति के लिए इसमें कोई स्पष्ट ‘‘रोडमैप’’ नहीं है।

Roshni Khan
Published on: 11 July 2019 4:03 PM IST
चिदंबरम ने माना अगले 5 साल में अर्थव्यवस्था होगी 5000 अरब डालर
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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि 2019-20 के आम बजट में कठोर तथा ढांचागत सुधारों की कमी है तथा देश की तीव्र आर्थिक प्रगति के लिए इसमें कोई स्पष्ट ‘‘रोडमैप’’ नहीं है।

उच्च सदन में आम बजट पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को 2024-25 तक बढ़ाकर 5000 अरब डालर का बनाने के सरकार के आह्वान पर तंज किया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था हर छह-सात साल में दोगुनी हो जाती है। उन्होंने कि इसके लिए किसी वित्त मंत्री की भी जरूरत नहीं है।

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उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपने बजट भाषण में विभिन्न आंकड़े पेश नहीं किए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को बजट भाषण में संबंधित आंकड़े पेश करने चाहिए था क्योंकि आम लोगों बजट से जुड़े अन्य दस्तावेजों को नहीं देख पाते।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संबंध में बजट दस्तावेजों और आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों में समानता नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत होने की बात की गयी है जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में यह सात प्रतिशत तय की गयी है।

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एकीकृत तस्वीर पेश करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि बजट में ढांचागत सुधारों की बात की गयी है लेकिन इस संबंध में कोई विस्तृत तस्वीर नहीं पेश की गयी है।

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उन्होंने कहा कि इस सरकार को भारी जनादेश मिला लेकिन उसने अर्थव्यवस्था में सुधार तथा विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए कठोर कदम नहीं उठाए।

चिदंबरम ने कहा कि बजट में निवेश बढ़ाने की बात की गयी है लेकिन यह कैसे हो पाएगा, उसका ब्यौरा नहीं है। निवेश की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह घरेलू और एफडीआई दो तरह का होता है। उन्होंने कहा कि एफडीआई पर अपना कोई नियंत्रण नहीं होता लेकिन घरेलू निवेश को बढ़ाने के लिए बजट पर जोर देना होता है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से घरेलू बचत की दर लगभग स्थिर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा बजट में घरेलू बचत को प्रोत्साहन देने के लिए कोई उपाय नहीं करने पर चिंता जतायी।

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चिदंबरम ने राजस्व का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल वे लक्ष्य से काफी पीछे रहे हैं लेकिन इस बार भी काफी ऊंचा लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में उन्होंने आयकर, सीमा शुल्क आदि का उल्लेख किया और कहा कि मौजूदा साल के लिए तय किए गए लक्ष्य अवास्तविक हैं।

उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र के लिए 5.55 लाख करोड़ रूपए का रिण माफ कर दिया गया लेकिन किसानों के कर्ज, शिक्षा ऋण आदि माफ नहीं किए गए।

Roshni Khan

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